Population in India: 'एक तरफ अमीरी चमक रही है और दूसरी तरफ गरीबी सिसक रही है', जनसंख्या विस्फोट पर शांता कुमार ने जताई चिंता
Shanta kumar on population हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने एक बार फिर भुखमरी के लिए जनसंख्या विस्फोट को कारण बताया है। उन्होंने सरकार और राजनैतिक दलों से भी आबादी रोकने के लिए बहुत जल्द एक सख्त कानून बनाया जाने की मांग की। अकेले भारत में एक करोड़ 50 लाख और बाकी 189 देशों में 6 करोड़ 50 लाख लोगों की बढ़ोत्तरी हो रही है।
संवाद सहयोगी, पालमपुर। पूर्व मुख्यमंत्री एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री शांता कुमार ने कहा कि जनसंख्या विस्फोट के कारण आज देश बहुत-सी समस्याओं से घिर गया है। मुझे इस बात की बहुत हैरानी है कि लोकसभा चुनाव के समय इस भयंकर समस्या पर कहीं पर भी कोई चर्चा नही हुई।
उन्होंने कहा कि भारत का यह कैसा लोकतंत्र है जहां केवल वोट की राजनीति के कारण इस भयंकर समस्या पर कोई पार्टी खुल कर नहीं बोली। उन्होंने कहा कि पिछले दस वर्षो में विकास में किसी भी प्रकार की कोई कमी नहीं रही।
गरीबी और बेरोजगारी दूर करने के कोई भी सरकार इससे अधिक कुछ नहीं कर सकती । उस सबके बाद भी आज की गरीबी और बेरोजगारी के लिए केवल और केवल बढ़ती जनसंख्या जिम्मेदार है।
बढ़ती आबादी पर शांता कुमार जताई चिंता
शांता कुमार ने कहा कि भारत की आबादी 1947 में 35 करोड़ से बढ़ कर आज 143 करोड़ हो गई। 75 वर्षों में 108 करोड़ आबादी बढ़ी। देश में प्रतिदिन लगभग 40 हजार और प्रति वर्ष एक करोड़ 50 लाख आबादी बढ़ जाती है।
हिमाचल प्रदेश के पूर्व सीएम ने कहा कि हर वर्ष 150 लाख नए लोगों के लिए रोजगार कोई भी सरकार नहीं दे सकती। दुनिया भर के 190 देशों में प्रतिवर्ष आबादी 8 करोड़ बढ़ती है। अकेले भारत में एक करोड़ 50 लाख और बाकी 189 देशों में 6 करोड़ 50 लाख लोगों की बढ़ोत्तरी हो रही है।
'फ्रांस ने 200 युवाओं को वापस भेजा'
उन्होंने कहा कि बेरोजगारी की हालत यह है कि पंजाब व हरियाणा के 10 हजार नौजवान रोजगार के लिए किर्गिस्तान बिश्केक नगर में पहुंचकर भूखे मर रहे हैं। कई दिनों से वहां भटक रहे हैं।
बेरोजगारी और विदेश जाने की होड़ से गैर कानूनी लालची एजेंटों को लाखों रुपए देकर रोजगार के लिए विदेशों में जा रहे है। पिछले दिनों फ्रांस ने एक जहाज में ऐसे 200 बेरोजगारों को भारत वापिस भेजा।
भारत सबसे अधिक गरीबों का देश बन गया- शांता कुमार
शांता कुमार ने कहा विश्व में सबसे अधिक आर्थिक विषमता भारत में है। एक तरफ अमीरी चमक रही है और दूसरी तरफ गरीबी सिसक रही है। ट्रांसपेरेंसी इन्टरनेशनल की रिपोर्ट के अनुसार 18 करोड़ भारतवासी रात को लगभग भुखे पेट सोते हैं।
भारत एक अमीर देश है, जिसमें विश्व के सबसे अधिक भुखे लोग भी रहते है। उन्होंने कहा कि विश्व के बहुत से देशों ने आबादी रोकने में सफलता प्राप्त की। कुछ वर्ष पहले सबसे अधिक आबादी वाला चीन भी हम से पीछे हो गया और भारत विश्व का सबसे अधिक आबादी और सबसे अधिक गरीबों का देश बन गया।
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प्रधानमंत्री मोदी ने भी कुछ नहीं किया
शांता कुमार ने कहा दो वर्ष पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले के भाषण में इस समस्या को जनसंख्या विस्फोट के रूप में कहा था। आशा थी कि वे कुछ करेंगे और हुआ कुछ नहीं। उन्होंने कहा कि पिछले दिनों विश्व जनसंख्या दिवस मनाया गया परंतु जनसंख्या विस्फोट पर चर्चा बहुत कम हुई।
यदि भारत में विश्व के अन्य देशों की तरह भारत की आज की 143 करोड़ आबादी को एक सौ करोड़ पर रोक लिया होता तो आज भारत दुनिया का सबसे खुशहाल देश होता। गरीबी और बेरोजगारी बिलकुल न होती।
उन्होंने सरकार और राजनैतिक दलों से आग्रह किया है कि वोट की राजनीति से बाहर निकलकर आबादी रोकने के लिए बहुत जल्दी एक सख्त कानून बनाया जाए।
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