Hidimba Mata: भक्तों के दुख व तकलीफें हरती हैं माता हिडिंबा, मनाली आने वाला हर श्रद्धालु लेता है आशीर्वाद
Hidimba Mata Mandir Manali देव भूमि हिमाचल प्रदेश की पर्यटन नगरी मनाली में माता हिडिंबा का प्राचीन मंदिर है। यह प्राचीन गुफा-मंदिर है जो हिडिंबी देवी को समर्पित है जिसका वर्णन महाभारत में भीम की पत्नी के रूप में मिलता है।
By Jagran NewsEdited By: Rajesh Kumar SharmaUpdated: Mon, 03 Oct 2022 08:02 AM (IST)
मनाली, जागरण टीम। Hidimba Mata Mandir Manali, हिडिंबा माता मंदिर पर्यटन नगरी मनाली में है। यह प्राचीन गुफा-मंदिर है, जो हिडिंबी देवी को समर्पित है, जिसका वर्णन महाभारत में भीम की पत्नी के रूप में मिलता है। मंदिर में उकीर्ण एक अभिलेख के अनुसार मंदिर का निर्माण राजा बहादुर सिंह ने 1553 ई. में करवाया था। पैगोडा की शैली में निर्मित यह मंदिर अत्यंत सुंदर है व मनाली शहर के पास पहाड़ी पर स्थित है। मनाली आने वाले सैलानी माता हिडिंबा और उनके पुत्र घटोत्कच का आशीर्वाद जरूर लेते हैं। माता हिडिंबा भक्तों के दु:ख व तकलीफ हरतीं हैं। देवदार के पेड़ों से घिरे इस मंदिर की खूबसूरती हिमपात के बाद देखते ही बनती है।
पांडव भीम से की थी शादी
कहा जाता है कि प्राचीन समय में माता हिडिंबा अपने भाई हिडिंब के साथ यहां रहती थीं जो राक्षस थे। हिडिंब बहुत बलवान था और उसकी बहन हिडिंबा ने प्रण लिया था कि जो उनके भाई को पराजित करेगा वह उससे शादी करेंगी। पांडव अपने अज्ञातवास के दौरान मनाली में आए थे तब भीम और हिडिंब में युद्ध हुआ था और इस युद्ध में हिडिंब मारा गया। इसके बाद हिडिंबा ने भीम से शादी की और उनका एक बेटा भी हुआ जो घटोत्कच कहलाया।जन्म से राक्षसीं थीं, तपस्या और पतिव्रता धर्म से बनी देवी
हिडिंबा माता जन्म से राक्षसी थीं, लेकिन तपस्या और पतिव्रता धर्म से देवी मानी गई। इन्हें कुल्लू के राज घराने की दादी भी कहा जाता है। वह हर साल देव महाकुंभ अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव में भाग लेती हैं। एक दिन पहले अपने मंदिर से लाव लश्कर के साथ कुल्लू के लिए रवाना हो जाती हैं। सात दिन तक ढालपुर स्थित अपने देव स्थल पर रहती हैं।पर्यटन नगरी मनाली की आराध्य देवी
माता हिडिंबा के पुजारी रमन शर्मा ने बताया मनु की नगरी मनाली में अनेक देव स्थान हैं, लेकिन इन्हीं में से एक माता हिडिंबा का मंदिर विशेष स्थान रखता है। माता हिडिंबा को पर्यटन नगरी मनाली की आराध्य देवी भी कहा जाता है। घाटी के लोगों की माता हिडिंबा के प्रति गहरी आस्था है।यह भी पढ़ें: Shardiya Navratri: भक्तों के दुख हरती है मां चिंतपूर्णी, ध्यान करने मात्र से दूर हो जाती है चिंता, बेहद रोचक है इतिहास व मान्यता
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