शिमला पुलिस की नई पहल,अब सेल्फ बैलेंसिंग स्कूटर से करेंगे गश्त
शिमला में स्मार्ट पुलिस अब सेल्फ बैलेंसिंग इलेक्ट्रिक सेगवे स्कूटर से गश्त करते नजर आएगी। शिमला पुलिस ने शुरुआत में दो स्कूटर पुलिस दस्ते में शामिल किए हैं। शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने शनिवार को हरी झंडी दिखाकर योजना को शुरू किया। इस
शिमला,जागरण संवाददाता। शिमला में स्मार्ट पुलिस अब सेल्फ बैलेंसिंग इलेक्ट्रिक सेगवे स्कूटर से गश्त करते नजर आएगी। शिमला पुलिस ने शुरूआत में दो स्कूटर पुलिस दस्ते में शामिल किए हैं। शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने शनिवार को हरी झंडी दिखाकर योजना को शुरू किया। इस मौके पर उन्होंने पुलिस को 60 लाख की लागत से एल को सेंसर सहित अन्य कई उपकरण भी दी है। उन्होंने कहा कि नई तकनीक के साथ यह पर्यावरण का संदेश भी देंगे। इनका इस्तेमाल रिज मैदान और मालरोड पर तैनात पुलिस कर्मी करेंगे। सेल्फ बैलेंसिंग स्कूटर चलाने का प्रशिक्षण जवानों को दिया गया है। पुलिस लाइन कैथल में यह प्रशिक्षण चला हुआ था।
यह होगा काम
इस स्टील बैलेंसिंग इलेक्ट्रिक स्कूटर से सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने और हुड़दंगियों पर नकेल कसने में पुलिस को मदद मिलेगी। बैटरी से संचालित प्रदूषण मुक्त इस स्कूटर पर एक ही जवान सवार हो सकेगा।
स्कूटर 35 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ेगा। इस कारण वह तुरंत मदद के लिए पहुंच जाएगा। शहर के बाजारों के अलावा संकरी गलियों में भी यह वाहन अधिक कारगर साबित होगा। एक बार नहीं, बल्कि दिन में 20 बार पुलिस इस स्कूटर से गश्त कर सकेगी। इससे पुलिस के समय की बचत भी होगी। अभी शिमला पुलिस ड्रोन की मदद से सुरक्षा संबंधी मानीटरिंग करती है।
दो घंटे में होगा चार्ज, 30 किलोमीटर दौड़ेगा
इस स्कूटर में राइडर को पैर जमीन पर रखने की जरूरत नहीं पड़ेगी। यह सेल्फ बॉडी वेट से संचालित होगा। राइडर के दिमाग के अनुरूप यह काम करेगा। इसमें आधुनिक फीचर की मदद से राइडर को अपने पैर फ्लोर बोर्ड पर ही रखने पड़ेंगे। इसमें एक डिवाइस लगाया गया है, जो राइडर को गिरने नहीं देगा। इस इलेक्ट्रिक स्कूटर का भार मात्र 45 किलोग्राम है, जबकि यह 150 किलोग्राम तक का भार वहन कर सकती है। दो घंटे में पूरी तरह चार्ज होने के बाद यह 30 किलोमीटर तक चलेगा।