अप्रैल में तीन दिन मणिकर्ण में रुके थे आफताब और श्रद्धा, गेस्ट हाउस संचालक ने बताया कैसे थे दोनों के हावभाव
Shraddha Walker Murder Case श्रद्धा वालकर और आफताब मणिकर्ण के गेस्ट हाउस में तीन दिन तक रुके थे। दिल्ली पुलिस की टीम ने हिमाचल के मणिकर्ण पहुंचकर जांच की व साक्ष्य जुटाए। गेस्ट हाउस संचालक ने दोनों के हाव भाव को लेकर पुलिस को बताया।
By Jagran NewsEdited By: Rajesh Kumar SharmaUpdated: Sun, 20 Nov 2022 11:45 AM (IST)
मणिकर्ण (कुल्लू), हंसराज सैनी। श्रद्धा वालकर की हत्या के आरोपित आफताब के विरुद्ध साक्ष्य जुटाने के लिए दिल्ली के महरौली थाना की तीन सदस्यीय पुलिस टीम कुल्लू जिले के मणिकर्ण पहुंची। टीम में दो सब इंस्पेक्टर व एक मुख्य आरक्षी है। व्हाइट लोटस गेस्ट हाउस में पहुंचकर टीम ने रिकार्ड कब्जे में लिया। संचालक ने गूगल पे की दो रसीद दिखाईं। टीम इससे संतुष्ट नहीं हुई। संचालक कमल चंद व उसके बेटे को टीम पुलिस चौकी मणिकर्ण लेकर आई। वहां दोनों से पूछताछ की। दोनों के आधार कार्ड का ब्योरा टीम अपने साथ ले गई। टीम करीब दो घंटे मणिकर्ण रुकी।
गूगल पे से किया था भुगतान
पंजीकरण रजिस्टर में नाम-पता तो दूर की बात, गेस्ट हाउस संचालक ने आफताब से पहचान पत्र लेना उचित नहीं समझा था। संचालक कमल चंद का कहना कि दोनों ने कमरे की बुकिंग आनलाइन कराई थी। दोनों छह व आठ अप्रैल को गेस्ट हाउस में ठहरे थे। 1500 रुपये किराये का भुगतान गूगल पे से गेस्ट हाउस संचालक के बैंक खाते में किया था। सात अप्रैल को दोनों टेंट में कुटलाह में रुके थे।
हावभाव से नहीं लगा था इनमें कोई विवाद
बकौल कमल, उस समय श्रद्धा व आफताब सामान्य लग रहे थे। दोनों की बातों व चेहरे के हावभाव से ऐसा नहीं लगा था कि उनमें कोई विवाद चल रहा था। आनलाइन बुकिंग के दौरान आफताब ने अपना आधार कार्ड अपलोड किया है। इस पर छह अप्रैल 2022 को सात बजकर दो मिनट का समय है।रजिस्टर में नहीं दर्ज किया था नाम व पता
पैसे कमाने की होड़ में होटल संचालक सरेआम नियमों को ताक पर रख रहे हैं। बिना पंजीकरण संचालित होटलों व गेस्ट हाउसों में काला धन सफेद हो रहा है। श्रद्धा वालकर मामले में ऐसी लापरवाही सामने आई है। मणिकर्ण घाटी के तोष स्थित व्हाइट लोटस गेस्ट हाउस प्रबंधन ने पंजीकरण रजिस्टर में इनका नाम व पता दर्ज नहीं किया था। आरोपित आफताब इसी साल छह अप्रैल को श्रद्धा के व्हाइट लोटस गेस्ट हाउस में ठहरा था।
अपराध के अड्डे बने होटल व गेस्ट हाउस
पर्यटन नगरी मनाली व कसोल के होटल, गेस्ट हाउस अपराध के अड्डे बन गए हैं। यहां नशे का अवैध कारोबार खूब फलफूल रहा है। चोरी-छिपे अपराधी ठहराए जा रहे हैं। किसी को मौत के घाट उतारना यहां आम बात हो गई है। पर्यटन विभाग हो या फिर पुलिस, होटल कारोबारियों के आगे सब बेबस हैं। मनाली व कसोल में करीब 3000 होटल, गेस्ट हाउस व होम स्टे हैं। कई पंजीकृत नहीं हैं। अन्य राज्यों के लोगों ने अधिकतर होटल लीज पर ले रखे हैं।आनलाइन बुकिंग करवाई थी
संचालक व्हाइट लोटस गेस्ट हाउस तोष कमल चंद ने कहा श्रद्धा व आफताब ने कमरे की आनलाइन बुकिंग करवाई थी। इसका रिकार्ड उपलब्ध नहीं है। न ही पंजीकरण रजिस्ट्रर में एंट्री की थी। इसमें कोताही हुई है।
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