Swarnim Vijay Mashaal: शहीद स्मारक धर्मशाला में विजय मशाल स्थापित कर दी शहीदों को श्रद्धांजलि
Swarnim Vijay Mashaal स्वर्णिम विजय वर्ष के उपलक्ष्य में शहीद स्मारक धर्मशाला में विजय मशाल स्थापित कर 1971 सहित देश के अन्य युद्धों में अपने प्राण न्यौछावर करने वाले शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई। प्रधानमंत्री मोदी द्वारा सैनिकों को श्रद्धांजलि देने के लिए चार विजय मशाल प्रज्ज्वलित किए गए थे
By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Updated: Tue, 14 Sep 2021 02:00 PM (IST)
धर्मशाला, संवाद सहयोगी। Swarnim Vijay Mashaal, स्वर्णिम विजय वर्ष के उपलक्ष्य में शहीद स्मारक धर्मशाला में विजय मशाल स्थापित कर 1971 सहित देश के अन्य युद्धों में अपने प्राण न्यौछावर करने वाले शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई। 1971 में हुए भारत-पाकिस्तान युद्ध के 50 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य पर राष्ट्रीय युद्ध स्मारक दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सैनिकों को श्रद्धांजलि देने के लिए चार विजय मशाल प्रज्ज्वलित किए गए थे, जिन्हें देश के अलग-अलग कोनों में घुमाया जा रहा है। इसी कड़ी में आज स्वर्णिम विजय दिवस पर शहीद स्मारक धर्मशाला में विजय मशाल स्थापित कर 1971 सहित देश के अन्य युद्धों में अपने प्राण न्यौछावर करने वाले शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
इस दौरान नवीं कोर के स्टेशन कमांडर ब्रिगेडियर मनोज कुमार शर्मा ने शहीदों को राज्य युद्ध स्मारक धर्मशाला में श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा कि इस विजय मशाल का शुभारंभ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था। उन्होंने कहा यह विजय मशाल पूरे देश के सैन्य क्षेत्रों में घूम रही है और जम्मू कश्मीर के बाद हिमाचल पहुंची है और यहां के बाद पंजाब जाएगी। वहीं बुधवार, 15 सितंबर को क्रिकेट स्टेडियम में आम जनता के लिए भव्य कार्यक्रम आयोजित होगा। उन्होंने कहा कि यह विजय मशाल आम जनमानस को भी देश हित में कुछ न कुछ करने का संदेश देती है।
भारत-पाक युद्ध 1971 के गवाह बने कोहाला निवासी सेवानिवृत कर्नल करतार सिंह का कहना है कि स्वर्णिम विजय दिवस को मनाने का यह उद्देश्य है कि देश के नागरिक देश हित में क्या कर सकते हैं। उन्होंने 1971 भारत पाक युद्ध, श्रीलंका आापरेशन व कारगिल युद्ध लड़ा है। 70 की उम्र के बावजूद उनमें अभी भी देशभक्ति का जज्बा कम नहीं हुआ है और वह अभी बाइक चला सकते हैं। करतार ने कहा भारत-पाक युद्ध में पाकिस्तान के 93 हजार जवानों को आत्मसमर्पण करना पड़ा था।
भारत-पाक युद्ध 1971 के गवाह कर्नल करतार सिंह का कहना है कि स्वर्णिम विजय दिवस को मनाने का यह उद्देश्य है कि देश के नागरिक देश हित में क्या कर सकते हैं। सेवानिवृत्त कर्नल करतार सिंह ने कहा उन्होंने 1971 भारत पाक युद्ध, श्रीलंका आपरेशन व कारगिल युद्ध लड़ा है। 70 की उम्र के बावजूद उनमें अभी भी देशभक्ति का जज्बा कम नहीं हुआ है।
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