Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

Women Legislators Conference : उत्‍तर प्रदेश की राज्‍यपाल बोलीं- अनुशासन में रहें महिला विधायक, समय का महत्‍व भी समझें

Women Legislators Conference उत्‍तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने बुधवार को हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के धर्मशाला में महिला विधायक सम्‍मेलन के प्रशिक्षण कार्यक्रम ‘शी इज ए चेंजमेकर’ के प्रथम बैच का आनलाइन शुभारंभ किया। उन्‍होंने विधायकों को अनुशासित रहने के लिए प्रेरित किया।

By Virender KumarEdited By: Updated: Wed, 22 Jun 2022 10:36 PM (IST)
Hero Image
महिला विधायक सम्‍मेलन को आनलाइन संबोधित करतीं उत्‍तर प्रदेश की राज्‍यपाल आनंदीबेन पटेल।

धर्मशाला, जेएनएन। Women Legislators Conference, उत्‍तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने बुधवार को हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के धर्मशाला में महिला विधायक सम्‍मेलन के प्रशिक्षण कार्यक्रम ‘शी इज ए चेंजमेकर’ के प्रथम बैच का आनलाइन शुभारंभ किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्‍होंने विधायकों को अनुशासित रहने के लिए प्रेरित किया।

उन्होंने कहा कि बहुत सी महिला विधायक पहली या दूसरी बार जनाधार प्राप्त करके नेतृत्व में आई होंगी। ऐसे में उन्हें समय के महत्व को अवश्य समझना चाहिए। किसी भी कार्यक्रम, बैठक या जनसभा में निर्धारित समय पर पहुंचना शीर्ष प्राथमिकता से अपने व्यवहार मेें लाने से वह अनावश्यक अवरोधों का कारण नहीं बनेंगी और जनप्रतिनिधि की गरिमा को स्थापित करेंगी।

राज्यपाल ने विधायकों से जनहितकारी कार्यों को सुगमता से क्रियान्वयन करने की दिशा में अपने अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि किसी भी सरकारी अधिकारी से ऊंचे स्वर में बात न करके सौम्य व्यवहार करें। विनम्रता से बात करके कार्य कराना अधिक आसान है और जिन कार्यों को वे संपादित कराना चाहती हैं, उससे संबं‍धित सरकारी परिपत्रों का सम्यक अध्ययन अवश्य करें, जिससे वे कार्य कराने के संबंध में दृढ़ता से अपना पक्ष रख सकेंगी।

उन्होंने विधायकों को केन्द्र व राज्य सरकार की जनहितकारी योजनाओं का लाभ आम जनता को दिलाने के लिए भी प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि वे इस कार्य से सीधे जनता से जुड़ सकेंगी। इसके लिए ग्राम प्रधानों से जुड़कर कार्य सुगमता से सम्पन्न हो सकेगा। विधायक गांवो में कैम्प लगाकर भी अधिक से अधिक लाभार्थियों को लाभ दिला सकती हैं।

प्रशिक्षण कार्यक्रम को गंभीरता से समझने के लिए प्रेरित करते हुए राज्यपाल ने विधायकों को अपने वक्तव्यों में संयमित रहने के लिए भी कहा। उन्होंने विधायकों से इतिहास की तथ्यपरक जानकारी रखने पर बल देते हुए कहा कि उन्हें जीवन में आगे बढ़ने के लिए अधिक सूचनाओं की जानकारी रखना, व्यवहार कुशल होना और सभी से अच्छा व्यवहार करना चाहिए। विधायक जनप्रतिनिधि हैं और उनसे यह अपेक्षा की जाती है कि वे जातिगत समीकरण न अपनाएं, अपने समग्र क्षेत्र के विकास के लिए सकारात्मक दृष्टिकोण से कार्य करें। अपने कार्यों का मासिक, वार्षिक और पंचवर्षीय आकलन कर उसे जनता के समक्ष प्रस्तुत भी करें।

महिला आयोग के कार्यों पर चर्चा करते हुए राज्यपाल ने गुजरात में अपने कार्यकाल के दौरान ‘नारी अदालत’ के गठन की विशेष चर्चा की। उन्होंने बताया कि तहसील, जनपद और राज्य स्तर पर गठित ये ‘नारी अदालत’ आज भी कारगर है। उन्होंने महिला विधायकों सेे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी  के ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास’ मंत्र पर कार्य करने के के लिए प्रेरित किया। इसके साथ ही उन्होंने पारिवारिक हस्तक्षेपों से अलग रहकर कार्य करने के लिए भी सजग किया।

तीन दिवसीय इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश, उत्तराखण्ड, हिमाचल प्रदेश और हरियाणा  की महिला विधायक भाग ले रही हैं।

लोकल न्यूज़ का भरोसेमंद साथी!जागरण लोकल ऐपडाउनलोड करें