Manimahesh Yatra में लगातार बढ़ रहा श्रद्धालुओं का आंकड़ा, एक दिन में छह हजार रजिस्ट्रेशन; प्रशासन ने कसी कमर
Manimahesh Yatra मणिमहेश यात्रा के लिए अधिकारियों व कर्मचारियों के अलावा भरमौर क्षेत्र के लोगों व समाजसेवियों को भी इस टीम में शामिल किया गया है जोकि गौरीकुंड व मणिमहेश में सफाई अभियान चला रहे हैं। इन टीमों की ओर से स्वयं साफ-सफाई करने के साथ-साथ यहां आने वाले श्रद्धालुओं को भी गंदगी न फैलाने के लिए जागरूक किया जा रहा है।
By Jagran NewsEdited By: Prince SharmaUpdated: Mon, 11 Sep 2023 05:30 AM (IST)
भरमौर, संवाद सहयोगी। मणिमहेश यात्रा के दौरान इस बार पवित्र मणिमहेश झील व गौरीकुंड के आसपास गंदगी नहीं फैलेगी। इससे दोनों स्थानों की पवित्रता बनी रहेगी। प्रशासन की ओर से गौरीकुंड व मणिमहेश में स्थापित किए गए सेक्टर के सेक्टर अधिकारियों की अगुआई में यहां सफाई अभियान शुरू कर दिया गया है।
सेक्टर अधिकारियों व कर्मचारियों के अलावा भरमौर क्षेत्र के लोगों व समाजसेवियों को भी इस टीम में शामिल किया गया है, जोकि गौरीकुंड व मणिमहेश में सफाई अभियान चला रहे हैं। इन टीमों की ओर से स्वयं साफ-सफाई करने के साथ-साथ यहां आने वाले श्रद्धालुओं को भी गंदगी न फैलाने के लिए जागरूक किया जा रहा है।
बड़ी संख्या में बढ़ रही तादाद
मणिमहेश यात्रा जन्माष्टमी के दिन से अधिकारिक तौर पर शुरू हो चुकी है, जोकि राधाष्टमी तक जारी रहेगी। यात्रा के दौरान हजारों की तादाद में श्रद्धालु मणिमहेश झील में आस्था की डुबकी लगाने के लिए पहुंच रहे हैं। ऐसे में यदि साफ-सफाई का विशेष ध्यान नहीं रखा जाता है तो इससे दोनों पवित्र स्थानों पर गंदगी के अंबार लग सकते हैं, जिससे इनकी पवित्रता को हानि पहुंचेगी।Shimla Tourism: पर्यटकों से गुलजार होने लगा शिमला, वीकेंड पर 45 प्रतिशत पहुंची ऑक्यूपेंसीऐसे में दोनों पवित्र स्थानों पर साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखा जा रहा है। धनछो में बनकर तैयार हुई पुलिया : मणिमहेश यात्रा के दौरान धनछो में जुलाई में भारी वर्षा होने के कारण बही पुलिया के स्थान पर नई पुलिया का रविवार तक निर्माण कर दिया गया है। श्रद्धालुओं को आने वाले दिनों में यात्रा करने में किसी प्रकार की दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ेगा। उक्त पुलिया के निर्माण में स्टील का इस्तेमाल किया गया है।
यात्रा संपन्न होने के बाद इसे उखाड़कर सुरक्षित रख लिया जाएगा तथा आगामी वर्ष यात्रा के दौरान इसे फिर से स्थापित किया जाएगा। यहां पुलिया टूटने के बाद प्रशासन की ओर से लकड़ी की अस्थायी पुलिया का इस्तेमाल किया गया था, जिसके माध्यम से श्रद्धालु आवाजाही कर रहे थे।
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