शेराबिलिंग और करमापा के मठ में भी काेरोना वायरस की दहशत, पर्यटकों व बाहरी भिक्षुओं का प्रवेश बंद
Coronavirus देश के बड़े बौद्ध मठों में से एक शेराबिलिंग पालपुंग बौद्ध मठ भट्टू बैजनाथ में पर्यटकों व बाहर से आने वाले बौद्ध भिक्षुओं का प्रवेश बंद कर दिया गया है।
By Rajesh SharmaEdited By: Updated: Mon, 09 Mar 2020 04:10 PM (IST)
बैजनाथ, मुनीष दीक्षित। देश के बड़े बौद्ध मठों में से एक शेराबिलिंग पालपुंग बौद्ध मठ भट्टू बैजनाथ व नोरबुलिंगा स्थित तिब्बती धर्मगुरु करमापा के मठ में पर्यटकों व बाहर से आने वाले बौद्ध भिक्षुओं का प्रवेश बंद कर दिया गया है। इस मठ के मुख्य गुरु ताईं सितु रिपोंछे हैं, जो तिब्बती धर्मगुरुओं में से एक करमापा के गुरु हैं। इस बौद्ध मठ में हर साल विभिन्न देशों से हजारों पर्यटक आते हैं। इनमें सबसे अधिक चीन के अनुयायी पहुंचते हैं। इस मठ में हजारों बौद्ध भिक्षु शिक्षाएं ग्रहण कर रहे हैं लेकिन कोरोना वायरस के संभावित खतरे को देखते हुए मठ प्रशासन ने रविवार सायं से 31 मार्च तक सभी पर्यटकों व अन्य बौद्ध अनुयायियों के प्रवेश पर रोक लगा दी है।
साथ ही मठ के मुख्य गुरु ताईं सितु रिपोंछे की पहली से आठ अप्रैल तक दिल्ली के एक बड़े होटल में होने वाली महामुद्रा टीचिंग को भी रद कर दिया है। इस टीचिंग में भी चीन, ताईवान व जापान से सबसे अधिक संख्या में बौद्ध अनुयायी आते हैं। मठ के गुरु तीन दिन पहले ही दिल्ली में भूटान एंबेसी के एक कार्यक्रम में भाग लेने के बाद मठ में लौटे हैं। उनसे भी सभी मुलाकातें बंद करवा दी गई हैं।
इस समय मठ में आठ विदेशी अनुयायी हैं और इनमें चार चीन के नागरिक भी शामिल हैं। ये चारों अनुयायी फरवरी में यहां पहुंचे थे तथा फरवरी अंत में ही उनका लौटने का कार्यक्रम था मगर कोरोना के संभावित खतरे के बाद उन्होंने वीजा अवधि बढ़ा ली है। मठ की ओर से रविवार शाम को यह जानकारी जारी की गई है।
शेराबिलिंग बौद्ध मठ को हिमाचल का सबसे बड़ा बौद्ध मठ माना जाता है। साथ ही देश के बड़े बौद्ध मठों में से भी यह एक है। गत रविवार को यहां इस वायरस से बचाव के लिए प्रार्थना का भी आयोजन किया गया था। इसमें खुद मठ के मुख्य गुरु सहित सैकड़ों बौद्ध भिक्षुओं ने भाग लिया था।
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