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Himachal Tourism: पहाड़ों की सैर को नई ऊंचाई दे रहा ट्री हाउस का रोमांच

Tree House Cottage In Himachal Pradesh Jibh जिभी वैली डेवलपमेंट टूरिज्म एसोसिएशन के अध्यक्ष ललित कुमार बताते हैं कि भाग-दौड़ भरी जिंदगी में हर कोई अपनों के साथ सुकून के पल बिताना चाहता है। इसी सोच के साथ तीर्थन घाटी में बनाए गए हाउस सैलानियों को आकर्षित कर रहे हैं।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Updated: Sat, 21 May 2022 10:54 AM (IST)
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Tree House Cottage In Himachal Pradesh: कुल्लू के ट्री हाउस से नैसर्गिक सौंदर्य को निहारने का अवसर
कमलेश वर्मा, कुल्लू: Tree House Cottage In Kullu Manali मैदानी क्षेत्रों में चिलचिलाती गर्मी से राहत पाने के लिए सैलानी बारालाचा व रोहतांग दर्रे का रुख कर रहे हैं। बर्फ से अठखेलियां करने के बाद कुल्लू जिले की तीर्थन घाटी में बने ट्री हाउस (पेड़ों पर बने घर) में ठहरने और हिमाचल के नैसर्गिक सौंदर्य को निहारने का अवसर पर्यटन के इस अनुभव को यादगार बनाने के लिए काफी है। साथ में मिलने वाले स्थानीय कुल्लवी व्यंजनों का भी लुत्फ उठाकर इस यात्रा को एक नया आयाम दिया जा सकता है।

कुल्लू जिले की तीर्थन घाटी के तांदी, घियागी, सोझा व जिभी गांवों में 20 ट्री हाउस बनाए गए हैं। अधिकांश पर्यटकों के लिए ये आकर्षण का केंद्र बन गए हैैं। अधिकांश में जून-जुलाई के लिए एडवांस बुकिंग भी है। ये ट्री हाउस सैलानियों को प्रकृति से जोड़कर पहाड़ी क्षेत्र के पर्यटन को और रुचिकर बना रहे हैैं। शहरों की चकाचौंध से दूर देवदार, कायल, चीड़, बान व अखरोट के पेड़ों पर बनाए घरों से सैलानी घाटी की सुंदरता को निहार रहे हैं।

जिभी वैली डेवलपमेंट टूरिज्म एसोसिएशन के अध्यक्ष ललित कुमार बताते हैं कि ट्री हाउस में सैलानियों को घर जैसी सुविधाएं मिलें। ऐसे ही ट्री हाउस का संचालन करने वाले राहुल भी ललित की बात का समर्थन करते हुए कहते हैं कि पर्यटकों को यह ट्री हाउस काफी पसंद आ रहे हैैं।

कुल्लवी व्यंजनों का भी उठा रहे लुत्फ: ट्री हाउस में बालकनी के साथ एक या दो अलग-अलग कमरे बनाए गए हैं। इनमें सैलानियों को कई प्रकार की सुविधाएं दी जा रही हैं। सैलानियों को उनकी पसंद का खाना परोसा जाता है। साथ में कुल्लू के स्थानीय व्यंजनों यानी कुल्लवी व्यंजनों का भी स्वाद लिया जा सकता है। इनमें सिड्डू (आटे से बना व्यंजन) के अलावा ट्राउट फिश भी ट्री हाउस संचालकों द्वारा पर्यटकों को उपलब्ध करवाई जा रही है।

होम स्टे और काष्ठकुणी शैली के गेस्ट हाउस भी उपलब्ध: र्थन घाटी के तांदी, घियागी, सोझा व जिभी गांवों में बने ट्री हाउस के अलावा 250 होमस्टे व काष्ठकुणी शैली में बने 100 गेस्ट हाउस भी पर्यटकों के लिए उललब्ध हैं। हालांकि पर्यटक ट्री हाउस में ठहरना ज्यादा पसंद कर रहे हैं।

4,500 से 8,000 रुपये तक किराया: ट्री हाउस में सुविधाओं के हिसाब से किराया लिया जाता है। इनमें एक दिन व रात का किराया 4,500 से लेकर 8,000 रुपये तक रखा गया है। इसमें एक परिवार के तीन या चार सदस्यों के लिए ब्रेकफास्ट, लंच व डिनर की सुविधा भी दी जा रही है। कुछ ट्री हाउस मालिक सिर्फ ब्रेकफास्ट ही परोस रहे हैं।

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