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आइजीएमसी शिमला में बढ़ी ओपीडी, एक बिस्तर पर दो मरीज

इंदिरा गांधी मेडिकल कालेज (आइजीएमसी) के मेडिसिन वार्ड में मरीजों की संख्या मौसम के साथ बढ़ती जा रही है। महिला व पुरुष वार्डो में बिस्तर कम पड़ने लगे हैं। ऐसे में एक बिस्तर पर दो मरीजों को रखा जा रहा है। कई बिस्तर पर तो तीन मरीज भी हैं

By Edited By: Updated: Wed, 14 Sep 2022 05:21 PM (IST)
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आइजीएमसी शिमला के मेडिसिन वार्ड में मरीजों की संख्या मौसम के साथ बढ़ती जा रही है।
शिमला,जागरण संवाददाता। इंदिरा गांधी मेडिकल कालेज (आइजीएमसी) के मेडिसिन वार्ड में मरीजों की संख्या मौसम के साथ बढ़ती जा रही है। महिला व पुरुष वार्डो में बिस्तर कम पड़ने लगे हैं। ऐसे में एक बिस्तर पर दो मरीजों को रखा जा रहा है। कई बिस्तर पर तो तीन मरीज भी हैं। इससे जहां संक्रमण का खतरा रहता है, वहीं पूरा आराम भी नहीं मिल पाता। अस्पताल में कई मरीज तो ऐसे भी हैं जो मास्क पहनने की जहमत तक नहीं उठा रहे हैं। अस्पताल में रोजाना ओपीडी तीन हजार से ज्यादा रहती है। खांसी और जुकाम से लेकर अन्य बीमारियों की चपेट में लोग आने के कारण अस्पताल में मरीजों की संख्या बढ़ रही है। वहीं ओपीडी में मरीज अपनी बारी का इंतजार करने के लिए जमीन पर बैठने के लिए मजबूर हैं। अस्पताल में मेडिसिन ओपीडी के बाहर सबसे ज्यादा भीड़ लगी रहती है। सबसे ज्यादा दिक्कत मरीजों के साथ आए स्वजन को आ रही है।

पहले ही एक ही बिस्तर पर दो मरीजों को रखा जाता है। रात में भी ठंडे फर्श पर सोने के लिए मजबूर स्वजन अस्पताल में भीड़ ज्यादा होने के कारण स्वजनों को बैठने के लिए भी स्थान नहीं बचता है, वे पूरा दिन खड़ा होकर ही अस्पताल में समय व्यतीत कर रहे हैं। रात के समय भी सोने के लिए पर्याप्त स्थान नहीं मिल पा रहा है। इसके कारण उन्हें ठंडे फर्श पर रातें गुजारने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। हर मरीज को बेहतर सुविधा देने का कर रहे प्रयास : ¨प्रिंसिपल आइजीएमसी की ¨प्रसिपल डा. सीता ठाकुर का कहना है कि अस्पताल में जगह की कमी होने के कारण एक बिस्तर पर दो मरीजों को रखना पड़ रहा है। अस्पताल में रोजाना बहुत मरीज इलाज करवाने के लिए आते हैं। मरीज को बिना इलाज अस्पताल से नहीं भेज सकते हैं। सभी मरीजों को बेहतर इलाज मुहैया करवाने का हरसंभव प्रयास किया जा रहा है।

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