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Lawrence School: 175 वर्ष का हुआ हिमाचल का यह स्कूल, संजय दत्त व उमर सहित ये दिग्गज भी रहे हैं स्टूडेंट्स

Lawrence School लारेंस स्कूल सनावर से अब तक सेना बालीवुड उद्योग राजनीति जगत की कई हस्तियां निकली हैं। अभिनेता संजय दत्त सैफ अली खान पूजा बेदी परीक्षित साहनी राहुल राय इकबाल खान अपूर्वा लाखिया मेनका गांधी पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने लारेंस स्कूल से ही पढ़ाई की है।

By manmohan vashishtEdited By: Virender KumarUpdated: Sun, 02 Oct 2022 08:48 PM (IST)
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Lawrence School: 175 वर्ष का हुआ हिमाचल का यह स्कूल।

सनावर (सोलन), मनमोहन वशिष्ठ। Lawrence School, 15 अप्रैल, 1847 को 14 बच्चों के साथ शुरू हुआ लारेंस एसाइलम (Lawrence Asylum) आज द लारेंस स्कूल सनावर (The Lawrence School Sanawar) के नाम से दुनिया भर के सबसे पुराने स्कूलों में शुमार है। लारेंस स्कूल सनावर से अब तक सेना, बालीवुड, उद्योग, राजनीति जगत की कई हस्तियां निकली हैं। अभिनेता संजय दत्त, सैफ अली खान, पूजा बेदी, परीक्षित साहनी, राहुल राय, इकबाल खान, अपूर्वा लाखिया, भाजपा नेता मेनका गांधी, पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने लारेंस स्कूल से ही पढ़ाई की है।

इनके अलावा पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल, हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला, पूर्व उपमुख्यमंत्री चंद्रमोहन, जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, अमेरिका में भारतीय राजदूत तरनजीत सिंह संधू, भूटान क्वीन जेटसन पेमा, पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त नवीन चावला, पूर्व नेवी चीफ एडमिरल विष्णु भागवत, नेपाल आर्मी के पूर्व चीफ गौरव शमशेर बहादुर राणा, ओलिंपियन शिवा केश्वन, अजीत बजाज, हीरो साइकिल के एमडी पंकज मुंजाल, नेस वाडिया, जहांगीर वाडिया, नितिन खन्ना, पुनीज रंजन, भरत पुरी, गीतांजलि किर्लोसकर, बलिदानी परमवीर चक्र विजेता से अरुण खेत्रपाल भी इसी स्कूल के पूर्व छात्र रहे हैं।

1947 में द लारेंस स्कूल सनावर के स्थापना दिवस पर पहुंचे तत्कालीन वायसराय लार्ड माउंटबेटन परेड की सलामी लेते हुए।

यह भी पढ़ें : Lawrence School: सनावर के लारेंस स्कूल का 175वां स्थापना दिवस समारोह शुरू, पहले दिन नहीं पहुंचे कई दिग्गज

ब्रिटिश सैन्य अधिकारी सर हेनरी लारेंस ने किया था शुरू

स्कूल में रविवार को तीन दिवसीय 175वां स्थापना दिवस समारोह शुरू हुआ है। ब्रिटिश सैन्य अधिकारी सर हेनरी लारेंस ने ब्रिटिश सैनिकों के बच्चों के लिए कसौली के साथ लगती पहाड़ी पर लारेंस एसाइलम के नाम से स्कूल शुरू किया था। 1858 में इसको लारेंस मिलिट्री एसाइलम, 1920 में लारेंस रायल मिलिट्री स्कूल व 1949 में इसका नाम द लारेंस स्कूल सनावर कर दिया गया। स्कूल सीबीएसई से संबंधित है। 139 एकड़ में फैला यह स्कूल आज भी ब्रिटिश हर किसी को आकर्षित करता है।

द लॉरेंस स्कूल सनावर के स्थापना दिवस में बतौर मुख्यातिथि पहुंचे देश के पहले शिक्षा मंत्री अबुल कलाम बच्चों से मिलते हुए।

लार्ड माउंटबेटन बने थे अंतिम ब्रिटिश मुख्य अतिथि

लारेंस स्कूल सनावर में हर वर्ष स्थापना पर कार्यक्रम होता है। स्कूल सोसायटी के अनुसार चलता है। 'नेवर गिव इन' स्कूल का मोटो है। स्कूल में पहले राष्ट्रपति डा. राजेंद्र प्रसाद, डा. सर्वपल्ली राधाकृष्णन, इंदिरा गांधी सहित लार्ड हार्डिंग, डलहौजी, कैनिंग, मिंटो, इरविन आदि वायसराय सनावर में किसी न किसी कार्यक्रम में शिरकत करते रहे हैं। 1947 में भारत के अंतिम लार्ड माउंटबेटन मुख्य अतिथि बने थे।

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