Virbhadra Singh: वीरभद्र सिंह ने 60 वर्ष के राजनीतिक सफर में 14 बार लड़ा चुनाव, छह बार रहे सीएम
Virbhadra Singh Profile छह बार हिमाचल प्रदेश का प्रतिनिधित्व कर चुके पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने 1962 से महासू (शिमला) लोकसभा क्षेत्र से अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की थी। पहली बार महासू से चुनकर तीसरी लोकसभा के सदस्य बने।
By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Updated: Thu, 08 Jul 2021 03:03 PM (IST)
मंडी, हंसराज सैनी। छह बार हिमाचल प्रदेश का प्रतिनिधित्व कर चुके पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने 1962 से महासू (शिमला) लोकसभा क्षेत्र से अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की थी। पहली बार महासू से चुनकर तीसरी लोकसभा के सदस्य बने। 1967 में इसी संसदीय क्षेत्र से दूसरी बार सांसद चुने गए। इसके बाद शिमला लोकसभा सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित होने पर वीरभद्र सिंह ने 1971 में मंडी लोकसभा क्षेत्र को अपनी कर्मभूमि चुना। उनके गृह जिला शिमला का रामपुर विधानसभा क्षेत्र इस संसदीय क्षेत्र का हिस्सा है। यहां से सांसद चुने जाने के बाद वह केंद्र में 1976 में उप नागरिक उड्डयन मंत्री बने। 1977 में जनता पार्टी के गंगा सिंह ठाकुर के हाथों हार का सामना करना करना पड़ा। 1980 में हार का बदला लेकर लोकसभा में पहुंचे।
केंद्र में उद्योग राजमंत्री बने। यहीं से वीरभद्र सिंह की किस्मत का सितारा चमका। कांग्रेस हाईकमान ने रामलाल ठाकुर को मुख्यमंत्री की कुर्सी से हटाया और वीरभद्र सिंह को मुख्यमंत्री बनाकर दिल्ली में हिमाचल वापस भेजा। इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा।
वह 1983 से 1990, 1993 से 1998,2003 से 2007 तक प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे। 2007 में प्रदेश की सत्ता से बाहर होने के बाद वीरभद्र सिंह ने दोबारा मंडी संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ा। भारी मतों से जीतकर हासिल कर पांचवीं बार सांसद चुने गए। मनमोहन सिंह मंत्रिमंडल में इस्पात मंत्री बने। इसके बाद लघु एवं मझौले उद्यम मंत्रालय का जिम्मा मिला। 2012 में केंद्रीय मंत्री पद से त्यागपत्र दिया। प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष बने। उनके नेतृत्व में 2012 का विधानसभा चुनाव लड़ा गया। कांग्रेस पार्टी ने दोबारा सत्ता में वापसी की और वह छठी बार प्रदेश के मुख्यमंत्री बने। उनकी पत्नी प्रतिभा सिंह भी दो बार मंडी संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं।
शाही परिवार में हुआ था जन्म, यहां ली शिक्षा
वीरभद्र सिंह का जन्म 23 जून 1934 को शिमला जिले के सराहन में बुशहर रियासत के शाही परिवार में हुआ था। उनकी स्कूली शिक्षा कर्नल ब्राउन कैम्ब्रिज स्कूल देहरादून, सेंट एडवर्ड स्कूल, शिमला और बिशप कॉटन स्कूल से हुई। सेंट स्टीफन कॉलेज दिल्ली से बीए ऑनर्स की डिग्री प्राप्त की। मई 1954 उनकी शादी रत्ना कुमारी से हुई थी। बेटी अभिलाषा कुमारी एक पूर्व न्यायाधीश है। 1986 में उनकी शादी दूसरी बार प्रतिभा सिंह से हुई। एक बेटा व बेटी है।
राजनीति सफरवीरभद्र सिंह 1983 से 1990 तक 1993से 1998 तक और 2003 से 2007 तक हिमाचल प्रदेश मुख्यमंत्री रहे। वह आठ बार विधायक,छह बार प्रदेश के मुख्यमंत्री और पांच बार लोकसभा के सदस्य रह चुके हैं। वीरभद्र सिंह 1962,1967,1971,1980 और 2009 में लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए। इसके अलावा वह 1983,1985, 1990,1993, 1998,2003,2009,2012 व 2017 में विधायक रहे। 1983,1985,1993,1998,2003 व 2012 में उन्होंने बतौर मुख्यमंत्री हिमाचल प्रदेश का प्रतिनिधित्व किया। अपने 60 वर्षों के राजनीतिक सफ़र के दौरान उन्होंने 14 चुनाव लड़े। वह हिमाचल कांग्रेस के चार बार अध्यक्ष भी रहे।
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