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Himachal News: धर्मशाला में 10 दिन बारिश नहीं हुई तो हो जाएगा पानी का संकट, सूखने लगे पेयजल के स्रोत

धर्मशाला में दो महीने से बारिश नहीं हुई है और जल विद्युत परियोजनाओं में उत्पादन कम हो गया है। जिससे पेयजल परियोजनाएं प्रभावित हो सकती हैं। मौसम विभाग ने बारिश का पूर्वानुमान जारी किया था लेकिन अभी तक बारिश नहीं हुई है। जल शक्ति विभाग का कहना है कि अभी कोई अलार्मिंग स्थिति नहीं है लेकिन ड्राई स्पेल इसी तरह से जारी रहता है तो पेयजल संकट हो सकता है।

By neeraj vyas Edited By: Rajiv Mishra Updated: Tue, 19 Nov 2024 08:27 AM (IST)
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वर्षा न होने से सूखने लगे पेयजल स्रोत (प्रतीकात्मक तस्वीर)
जागरण संवाददाता, धर्मशाला। जिले में अगर दस दिन तक वर्षा नहीं हुई तो पेयजल परियोजनाएं प्रभावित हो जाएंगी। दो माह से वर्षा नहीं हुई है और इस कारण जल विद्युत परियोजनाओं में उत्पादन कम हो गया है। मौसम विभाग ने बीते सप्ताह वर्षा को लेकर पूर्वानुमान जारी किया था, लेकिन हुआ कुछ भी नहीं।

धर्मशाला शहर की पेयजल आपूर्ति का मुख्य स्रोत गज खड्ड है। गज खड्ड में पानी तो है लेकिन पहले से कम हो गया है। इसी तरह से मांझी व मनूनी समेत अन्य खड्डों में बीते 15 दिन में पानी का प्रवाह कम हुआ है।

प्राकृतिक स्रोतों पर निर्भर हैं इतनी पेयजल परियोजनाएं

जल शक्ति विभाग धर्मशाला सर्कल में वर्षा व बर्फबारी न होने से दस से 15 दिन में 100 पेयजल योजनाएं आंशिक तौर पर प्रभावित हो सकती हैं। खड्डों, नालों व झरनों पर आधारित योजनाओं के पानी में भी 25 से 30 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है।

(मांझी खड्ड में कम हो गया पानी)

विभाग का कहना है कि अभी कोई अलार्मिंग स्थिति नहीं है, लेकिन ड्राई स्पेल इसी तरह से जारी रहता है तो पेयजल संकट हो सकता है। जल शक्ति विभाग धर्मशाला सर्कल के तहत 314 पेयजल योजनाएं हैं जो प्राकृतिक स्रोतों पर निर्भर हैं।

अभी तक 314 पेयजल योजनाओं पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है। खड्डों, नालों और स्प्रिंग्स आधारित योजनाओं में भी पानी की कमी दर्ज की गई है, लेकिन अभी अलार्मिंग वाली स्थिति नहीं है। अगर वर्षा नहीं होती है तो पेयजल आपूर्ति का समय कम किया जा सकता है।

विशाल जसवाल, अधीक्षण अभियंता, जल शक्ति विभाग, सर्कल धर्मशाला

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फोरलेन कार्य के कारण टूट गई रैत-नेरटी की कूहल

फोरलेन निर्माण कार्य के कारण शाहपुर विधानसभा क्षेत्र के तहत रैत-नेरटी की कूहल टूट गई है। इस कारण 85 हेक्टेयर जमीन की सिंचाई नहीं हो सकी है। रैत व नेरटी में कई कनाल जमीन पर गेहूं की बिजाई नहीं की जा सकी है।

समस्या के समाधान के लिए किसान सोमवार को रैत में इकट्ठे हुए और अधिकारियों से समस्या के समाधान की गुहार लगाई। चूडथा, नेरटी, भैरू, रैत, कुठार, नौशहरा झरेड़ व बजरेहड़ क्षेत्र के किसानों की जमीनें सिंचाई के अभाव में बंजर हो गई हैं।

रैत पंचायत के प्रधान उत्तम चंद बंटा, नेरटी की प्रधान रजनी देवी, प्रेई के प्रधान राजेश कुमार व झरेड़ पंचायत के प्रधान अरुण कुमार ने प्रशासन से कूहल को बहाल करने की मांग उठाई है।

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