Himachal में खराब मौसम ने तोड़ी बागवानों की कमर, नहीं मिल रहे सेब के अच्छे दाम; केंद्र सरकार से भी नाराजगी
हिमाचल प्रदेश में खराब मौसम के कारण बागवान अच्छी स्थिति में नहीं हैं। बागवानों का कहना है कि उनकी सेब की फसल इस बार बर्बाद हो गई है। अत्यधिक वर्षा ने फसल पर बुरा प्रभाव डाला है। ऐसे में बागवानों की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। बागवानों ने केंद्र सरकार पर भी नाराजगी जाहिर की है। सेब पर आयात शुल्क घटाने को लेकर बागवान गुस्से में हैं।
By kamlesh kumariEdited By: Rajat MouryaUpdated: Wed, 13 Sep 2023 05:06 PM (IST)
कुल्लू, संवाद सहयोगी। Himachal Apple Season News हिमाचल प्रदेश में इस वर्ष हुई अत्याधिक बारिश ने बागवानों की कमर को तोड़ दिया है। बारिश के कारण बागवानों के सेब के बगीचे नष्ट हो गए हैं। लेकिन जो सेब बगीचे में बचा है। वह लगातार हुई बारिश के कारण अपने रूप में सही नहीं हो पाया है। ऐसे में पूरे प्रदेश में सेब के बागवानों को आर्थिकी का सामना करना पड़ रहा है।
जुलाई महीने में हुई बारिश के कारण सेब का साइज नहीं बन पाया है। अत्याधिक बारिश के चलते सेब के पौधों में समय से पहले पतझड़ हो गई है। इससे सेब के पेड़ पत्ते विहिन हो गए हैं। प्रदेश कांग्रेस सचिव एवं कुल्लू फलोत्पादक मंडल माहिली के पूर्व अध्यक्ष प्रेम शर्मा ने बताया कि जुलाई महीने में लगातार हुई बारिश के कारण बागवानों को इस बार भारी आर्थिकी का सामना करना पड़ रहा है।
'सेब के नहीं मिल रहे अच्छे दाम'
उन्होंने बताया कि सेब का साइज न बनने और सेब में रंग न आने के चलते सेब को सब्जी मंडी में अच्छे दाम नहीं मिल पा रहे हैं। वहीं, सड़कें खराब होने की वजह से बागवान अपना सेब सब्जी मंडी में समय पर पहुंचाने में असमर्थ हो रहे हैं। सड़के खराब होने के चलते ट्रक चालकों ने भी अपना किराया डेढ़ गुना बढ़ा दिया है।ये भी पढ़ें- Himachal Apple: किन्नौर में भूस्खलन से सड़कें हुईं जाम, सेब-मटर को मंडी तक पहुंचाने के लिए अब रोपवे का सहारा
प्रेम शर्मा ने बताया कि जिला कुल्लू व मंडी को जोड़ने के लिए नौ टनल का निर्माण हो गया है। इससे चड़ीगढ़ पहुंचने में कम समय लग रहा है, वहीं किराये में भी कटौती होनी चाहिए थी। साथ ही सेब की पेटियों का किराया भी कम होना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस वर्ष पिछले 10 सालों में सबसे कम दाम मिल रहे हैं और खर्च चार गुना बढ़ गया है।