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श्रीखंड महादेव यात्रा के लिए 537 यात्रियों ने कराया रजिस्ट्रेशन, दर्शन के लिए श्रद्धालुओं में दिख रहा गजब का उत्साह

श्रीखंड महादेव यात्रा के शुरू होने के तीसरे दिन भी जारी है। श्रद्धालुओं में यात्रा को लेकर उत्साह जारी है। यात्रा के तीसरे दिन यानी आज 516 पुरुष और 21 महिला यात्री शामिल रहे। हिमाचल पंजाब समेत विभिन्न राज्यों से श्रद्धालु दर्शन के लिए आ रहे हैं। वहीं जगह-जगह यात्रियों की सुविधा व सुरक्षा को देखते हुए मेडिकल टीम और पुलिस भी तैनात हैं।

By davinder thakur Edited By: Prince Sharma Updated: Tue, 16 Jul 2024 08:43 PM (IST)
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Srikhand Yatra: हिमाचल में जारी है श्रीखंड यात्रा पिक्चर (जागरण फोटो)
संवाद सूत्र, निरमंड। श्रीखंड महादेव यात्रा के शुरू होने के तीसरे दिन मंगलवार शाम चार बजे तक 537 यात्रियों का पंजीकरण किया गया। इनमें 516 पुरुष और 21 महिला यात्री शामिल रहे। 537 में से 338 यात्रियों का बेस कैंप सिंहगाड में पंजीकरण किया गया जबकि 199 ने ऑनलाइन पंजीकरण करवा रखा था।

3423 यात्री बेस कैंप हुए रवाना

आधिकारिक तौर पर शुरू हुई श्रीखंड महादेव यात्रा के तीन दिन में अब तक 3424 यात्री बेस कैंप सिंहगाड़ से श्रीखंड रवाना हो चुके हैं। अब तक हिमाचल, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, उतर प्रदेश, मध्यप्रदेश, दिल्ली,पश्चिमी बंगाल के तमिलनाडु आदि राज्य के श्रद्धालु पंजीकरण करवाकर यात्रा के लिए रवाना हो चुके।

एसडीएम निरमंड मनमोहन सिंह के मुताबिक पंजीकरण प्रक्रिया सुबह पांच से शाम नौ बजे तक जारी रहेगी। बेस कैंप सिंहगाड़ से पांच बजे के बाद यात्रियों को आगे जाने की मनाही रहेगी।

पुलिस और मेडिकल स्टाफ तैनात

हर साल प्रशासन श्रीखंड महादेव यात्रा ट्रस्ट द्वारा यात्रा की तिथि तय करता है। इस दौरान यात्रियों की सुरक्षा की दृष्टि हर तरह का इंतजाम रास्ते में हर पड़ाव पर रहता है, जहां स्वास्थ्य टीमें, पैरा मेडिकल स्टाफ, पुलिस और होमगार्ड, रेस्क्यू टीम यात्रियों की सहायता के लिए तत्पर रहती हैं।

उस तय तिथि से पहले या बाद में किसी को भी यात्रा पर जाने की अनुमति नहीं रहती। बावजूद इसके हर साल यात्रा शुरू होने से पहले और बाद में हजारों यात्री श्रीखंड महादेव के दर्शनों पर निकल पड़ते हैं।

ट्रस्ट द्वारा यात्रा शुरू करवाने से पहले ही इस वर्ष अब तक चार व्यक्तियों की श्रीखंड के रास्ते में मौत हो चुकी है। श्रीखंड यात्रा के दौरान रास्ते में आने वाली प्राकृतिक धरोहर का खजाना मिलता है। यहां सैकड़ों किस्म की प्रजाति के फूल हैं, जबकि जड़ी-बूटियों और औषधीय पौधों का तो यह भंडार है।

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