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कुल्‍लू - मनाली में डेढ़ दशक में सैकड़ों देशी-विदेशी ट्रैकर हो चुके हैं लापता

पहाड़ों में कदमताल के शौकीन देशी-विदेशी सैलानी हर साल लाखों की संख्या में कुल्लू-मनाली आते हैं। जो ट्रेकर अनुभवी गाइड व पंजीकृत ट्रेवल एजेंसी के माध्यम से पुलिस को बताकर ट्रैकिंग में जाते हैं उनके साथ दुर्घटना बहुत कम घटती है।

By Jagran NewsEdited By: Richa RanaUpdated: Tue, 22 Nov 2022 03:49 PM (IST)
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पहाड़ों में कदमताल के शौकीन देशी-विदेशी सैलानी हर साल लाखों की संख्या में कुल्लू-मनाली आते हैं।
मनाली, जागरण संवाददाता। पहाड़ों में कदमताल के शौकीन देशी-विदेशी सैलानी हर साल लाखों की संख्या में कुल्लू-मनाली आते हैं। जो ट्रेकर अनुभवी गाइड व पंजीकृत ट्रेवल एजेंसी के माध्यम से पुलिस को बताकर ट्रैकिंग में जाते हैं उनके साथ दुर्घटना बहुत कम घटती है लेकिन जो मनमाने तरीके से इन चोटियों को हल्के में लेते हैं बिना तैयारी व बिना अनुभवी गाइड के ट्रेकिंग में निकल पड़ते है उनमें ही अधिकतर दुर्घटना का शिकार होते हैं।

कुल्लू-मनाली सहित लाहुल-स्पीति भी ट्रैकरों की पहली पसंद रही है।

सैकड़ों देशी-विदेशी ट्रैकरों को जान से हाथ धो बैठे हैं

डेढ़ दशकों में सैकड़ों देशी-विदेशी ट्रैकरों को जान से हाथ धो बैठे हैं। कई ट्रैकर पहाड़ों में ऐसे गुम हुए कि आज तक उनका कोई अता-पता नहीं चला। इसी साल 15 जून को लाहुल-स्पीति के सीबी 13 में बेंगलुरु के पर्वतारोही वेद व्यास का ग्लेशियर की दरार में गिर गए थे। रेस्क्यू अभियान चलाए लेकिन कड़ी मेहनत के बाद पर्वतरोहण संस्थान की टीम उनका शव निकालने में सफल हुई थी। इसी साल आठ सितंबर को मलाणा के (5458)माउंट अली रतनी टिब्बा में पश्चिम बंगाल के चार पर्वतारोही रास्ता भटक गए थे। प्रशासन ने उन्हें भी पर्वतरोहण संस्थान मनाली की मदद से सुरक्षित तलाश लिया था।

अब तक 166 पुरुष और 138 महिला ट्रैकर पहाडि़यों में लापता हुए हैं

डीएसपी मनाली हेमराज वर्मा ने कहा कि 2005 से अब तक 166 पुरुष और 138 महिला ट्रैकर पहाडि़यों में लापता हुए हैं। हालांकि पुलिस ने अधिकतर ट्रैकरों के शव बरामद किए हैं लेकिन कई ऐसे सैलानी हैं जिनका आजतक पता नहीं है। 2018 में 23 मार्च को मलाणा की पहाड़ियों में गुम हुए दिल्ली के अमन अवस्थी का कोई सुराग नहीं लग पाया है। हामटा की पहाड़ी में गुम दिल्ली के युवा ट्रैकर अखिल का शव भी सप्ताह बाद बरामद किया गया था। एडवेंचर टूअर ओपरेटर एसोसिएशन कुल्लू मनाली के सचीव पिंटू का कहना है कि पहाड़ों की अधूरी जानकारी ट्रैकरों की जान पर भारी पड़ रही है। जिले में सैकड़ों ट्रैवल एजेंसियां सैलानियों को ट्रैकिंग का अनुभव करवाती हैं लेकिन कुछ ट्रैकर अधूरी जानकारी के साथ पहाड़ पर मनमाने तरीके से कदमताल शुरू कर देते हैं और पहाड़ में समा जाते हैं। ट्रेकिंग पर जाने से पहले गो कुल्लू वेबसाइट में पंजीकरण करवाएं। साथ ही ट्रै¨कग के दौरान मोबाइल फोन का जीपीएस आन रखें।

पूरी जानकारी और सुरक्षा उपकरणों के साथ ही सैलानी पहाड़ों का रूख करें देशी

एसडीएम मनाली डा सुरेंद्र ठाकुर ने कहा कि पूरी जानकारी और सुरक्षा उपकरणों के साथ ही सैलानी पहाड़ों का रूख करें देशी विदेशी पर्यटकों को गाइड लाइन जारी करता रहता है। ट्रेकर उनका अवश्य पालन करे। ट्रेकरों से आग्रह है कि वे पर्यटन विभाग से पंजीकृत ट्रैवल एजेंटों, अनुभवी गाइडों के माध्यम से ही पहाड़ों का रूख करें। अकेले जाने वाला ट्रैकर हादसों का शिकार हुए हैं।

कब- कब लापता हुए ट्रैकर

पुरुष

वर्ष,गुम हुए,तलाशे,कोई सुराग नहीं

2005,29,27,2

2006,27,23,4

2007,40,34,6

2008,56,47,9

2009,48,41,7

2010,49,36,13

2011,38,31,7

2012,52,31,21

2013,42,25,17

2014,37,24,13

2015,36,21,15

2016,37,18,19

2017,42,19,23

2018,4,1,3

महिला ट्रैकर

2005,48,44,4

2006,53,52,1

2007,59,58,1

2008,77,74,3

2009,80,74,6

2010,73,71,2

2011,72,65,7

2012,98,84,14

2013,88,65,7

2014,51,40,11

2015,43,30,13

2016,43,19,24

2017,48,27,21

2018,10,2,8

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