Himachal Weather: हिमपात और वर्षा से सेब के पौधों में आई जान, चिलिंग आवर्स पूरे होने की है उम्मीद
सेब की रायल किस्म के पौधों के लिए करीब 1600 से 1800 चिलिंग आवर्स और स्पर फसलों के लिए लगभग 600 से 800 चिलिंग आवर्स होते हैं। तभी आने वाले समय में सेब की अच्छी फसल हो सकती हैं। (फाइल फोटो)
By Jagran NewsEdited By: Swati SinghUpdated: Tue, 07 Feb 2023 08:34 AM (IST)
कुल्लू, संवाद सहयोगी। पहाड़ों पर हो रही बर्फबारी सेब के लिए वरदान साबित हो रही है। कुल्लू जिले के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हिमपात और वर्षा से सेब के पौधों को कुछ और चिलिंग आवर्स मिल गए। इससे सेब के पौधों में जान आ गई है। घाटी में सेब के पौधों को लगाने का कार्य भी चल रहा है। बागवान तौलिए बनाने में भी जुटे हैं। हालांकि सोमवार को मौसम प्रतिकूल होने से लोग खेतों का कार्य नहीं कर पाए।
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चिलिंग आवर्स पूरे होने की उम्मीद
अब जमीन में काफी नमी आ गई है। ऐसे में इस बार लगाए गए सेब के पौधे कामयाब होने की उम्मीद है। अभी तक सेब के लिए जरूरी चिलिंग आवर्स पूरे नहीं हुए हैं। लंबे समय से बागवान चिंतित थे कि सेब के पौधों के लिए चिलिंग आवर्स पूरे नहीं हो पाएंगे। बागवान उम्मीद कर रहे हैं कि मार्च तक चिलिंग आवर्स पूरे हो सकते हैं।सेब की रायल किस्म के पौधों के लिए करीब 1600 से 1800 चिलिंग आवर्स और स्पर फसलों के लिए लगभग 600 से 800 चिलिंग आवर्स होते हैं। तभी आने वाले समय में सेब की अच्छी फसल हो सकती हैं। इस दौरान सात डिग्री सेल्सियस का तापमान रहना चाहिए।यह भी पढ़ें Himachal News: विश्व बैंक की मदद से हिमाचल में चलेगी 2500 करोड़ की परियोजना, सीएम ने की बैठक
बागवान नरेश कुमार, पुरुषोत्तम, हीरा लाल, दीपक ठाकुर का कहना है कि ऊंचाई पर हिमपात और वर्षा से चिलिंग आवर्स पूरे हो जाएंगे लेकिन मध्यम ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हिमपात नहीं हो रहा है। अगर मार्च तक ऐसी ही स्थित बनी रही तो इन क्षेत्रों में अच्छी सफल नहीं मिल पाएगी।
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