Himachal News: पाक और चीन सीमा तक सेना की पहुंच होगी आसान, नवंबर के पहले सप्ताह में होगा शिंकुला सुरंग का टेंडर
Himachal Pradesh News हिमाचल प्रदेश के मनाली में पाकिस्तान और चीन सीमा तक सेना की पहुंच आसान होगी। समुद्रतल से लगभग 16580 फीट ऊंचे शिंकुला में 4.2 किलोमीटर लंबी सुरंग बनेगी। यह क्षेत्र पर्यटन की दृष्टि से भी विकसित होगा। अभी लेह मार्ग पर मनाली से दारचा तक लगभग 101 किलोमीटर की यात्रा के बाद शिंकुला से जंस्कार घाटी में प्रवेश किया जाता है।
जसवंत ठाकुर, मनाली। सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण शिंकुला सुरंग का निर्माण कार्य अप्रैल 2024 में शुरू होगा। सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) नवंबर के पहले सप्ताह में सुरंग निर्माण के लिए टेंडर करेगा। 2025 तक इसे बनाने का लक्ष्य रखा है। सुरंग के बनने से पाकिस्तान और चीन सीमा तक भारतीय जवानों की पहुंच और आसान हो जाएगी।सुरंग निर्माण के लिए केंद्र सरकार ने इस साल फरवरी में 1700 करोड़ रुपये जारी किए हैं।
समुद्रतल से लगभग 16,580 फीट ऊंचे शिंकुला में 4.2 किलोमीटर लंबी सुरंग बनेगी। यह क्षेत्र पर्यटन की दृष्टि से भी विकसित होगा। अभी लेह मार्ग पर मनाली से दारचा तक लगभग 101 किलोमीटर की यात्रा के बाद शिंकुला से जंस्कार घाटी में प्रवेश किया जाता है। सुरंग बनने के बाद इस 101 किलोमीटर यात्रा की जरूरत नहीं रहेगी। सुरंग का दक्षिणी पोर्टल शिंकुला और उत्तरी पोर्टल लखंग में होगा।
2023 में होना था निर्माण
शिंकुला सुरंग का कार्य 2023 में शुरू होना था, लेकिन औपचारिकताएं पूरी करने में अधिक समय लगा है। बीआरओ अब नवंबर के पहले सप्ताह टेंडर प्रक्रिया पूरी करेगा। इसके बाद दिसंबर तक तकनीकी मूल्यांकन होगा। सर्दियों के कारण जनवरी में काम शुरू नहीं हो पाएगा, लेकिन बीआरओ की मानें तो दारचा-पद्दुम मार्ग से बर्फ हटाते ही शिंकुला में अप्रैल से पहले सुरंग का निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा।
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सबसे सुरक्षित विकल्प होगी सुरंग
बीआरओ के मुताबिक यह सुरंग सीमा तक रसद पहुंचाने का तीसरा और सबसे सुरक्षित विकल्प होगी। लेह- लद्दाख के लिए पहला विकल्प जोजिला पास जो पाकिस्तान सीमा क्षेत्र से सटा है। दूसरा बारालाचा पास है जो चीन सीमा से सटा है। यह तीसरा मार्ग शिंकुला से होकर जंस्कार के लिए बना है।
जंस्कार-मनाली के बीच सर्दियों में भी हो सकेगा आवागमन
शिंकुला सुरंग बनने से जंस्कार और मनाली के बीच सर्दियों में भी आवागमन हो सकेगा। दारचा-पद्दुम-जंस्कार सड़क बनने से मनाली से कारगिल का सफर 260 किलोमीटर कम हो गया है। सुरंग से पाकिस्तान और चीन सीमा तक भारतीय जवानों की पहुंच आसान हो जाएगी। सुरंग का दक्षिणी छोर मनाली की ओर शिंकुला तथा उत्तरी छोर जंस्कार की ओर लखंग में होगा।
इस सुरंग का सबसे अधिक लाभ जंस्कार के लोगों को होगा। इस घाटी में नए युग की शुरुआत होगी। सुरंग निर्माण से जंस्कार के अधिकतर क्षेत्र कारज्ञा, पुरने, पद्दुम, जंगला, कारश, मुने जैसे पर्यटन स्थल देश विदेश के पर्यटकों को निहारने को मिलेंगे।
शिंकुला सुरंग निर्माण के लिए टेंडर प्रक्रिया नवंबर के पहले सप्ताह में पूरी की जा रही है। टेंडर के बाद तकनीकी मूल्यांकन होगा। सभी औपचारिकताओं को दो माह में पूरा किया जाएगा। अगले वर्ष शिंकुला बहाल होते ही सुरंग का निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा। -विकास गुलिया, चीफ इंजीनियर बीआरओ योजक परियोजना।