Himachal Disaster: अब तक नहीं संभल पाया हिमाचल, ज्यों के त्यूों पड़े हैं आपदा की भेंट चढ़े पुल; आम लोगों पर आफत
साल भर पहले आई आपदा के घाव अभी तक नहीं भर पाए हैं। प्रदेश (Himachal Pradesh News) में तबाही के मंजर आज भी जगह-जगह देखने को मिल जाते हैं। जिला कुल्लू के तीर्थन घाटी में में कई पुल तबाह हुए थे। जिन्हें अभी तक नहीं बनवाया गया है। इसके कारण आम जनता को बड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
योगराज नेगी, गुशैणी। जिला कुल्लू के तीर्थन घाटी में गत वर्ष आई आपदा की भेंट चढ़े पुलों का सरकार व जिला प्रशासन भूल गया है।
ऐसे में ग्रामीणों को पुल की सुविधा न मिलने के कार काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। लोगों को पुल न होने के कारण कई किलोमीटर अतिरिक्त सफर तय करना पड़ रहा है।
आपदा की भेंट चढ़े पुल
बंजार उपमंडल के तहत तीर्थन घाटी में एक साल बीत जाने के बाद भी लोगों को पुल की सुविधा नहीं मिल रही है। गत वर्ष गुशैणी सीनियर सेकेंडरी स्कूल व शर्ची पंचायत को जोड़ने वाला पलाचन नदी पर बना पुल तथा पेखडी पंचायत के शुंगचा, दारन, धार गांव को जोड़ने वाला पेखडी पंचायत के पास का पुल पूरी तरह बह गया।हालांकि, गुशैणी स्कूल को जोड़ने वाला पलाचन नदी पर बना पुल पर प्रशासन ने शुरुआती दौर में पुल का निर्माण कार्य शुरू कर दिया था, लेकिन उसके ठेकेदार द्वारा अधूरे पुल के कार्य को छोड़ गायब हो गए । ऐसे में लोग और स्कूल के बच्चे अभी अस्थाई लकड़ी के ब्रिज से आर पार हो रहे हैं।
बड़े हादसे होने की रहती है आशंका
ग्रामीण तेज प्रताप शर्मा, चेत राम, शेर सिंह, लता शर्मा, पूर्ण चंद, इंद्र कुमार, टेक राम, खेम चंद व हेम राज का कहना है लकड़ी का बना यह ब्रिज कभी भी ढह सकता है। जिसके चलते यहां पर बड़ा हादसा हो सकता है। जिससे लोगों में रोष पनपा है।इसके अलावा पेखडी पंचायत के अतिदुर्गम क्षेत्र धारा रूबाड के तीन गांवों शुंगचा दारन व धार गांव को जोड़ने वाला चूली छो का पुल भी ग्रामीणों को जी का जंजाल बना है यह पुल भी बाढ़ में बह गया था। लेकिन प्रशासन पैसे की तंगी का रोना रोकर ग्रामीणों को भगवान भरोसे छोड़ दिया है।जिस से इन गांवों के लोग दोगुना सफर तय करने को मजबूर हैं। इस संबंध में विकास खंड अधिकारी मान सिंह बग्गा ने बताया इस मामले को लेकर संबंधित विभाग के अधिकारी से बातचीत हो गई है तथा कहां गया है कि जल्द ही पुल का निर्माण का शुरू कर दिया जाएगा ताकि लोगों को किसी भी प्रकार की परेशानी न झेलनी पड़ सके।
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