'जिंदगीभर की कमाई से बनाया था घर, कुछ मिनट में हो गए बेघर'; बाढ़ के चलते ब्यास नदी में बही 3 मंजिला इमारत
जीवन भर की कमाई से बनाए घर को ब्यास नदी कुछ ही मिनट में बहा ले गई। अब किराये पर रहने को मजबूर हैं। वर्ष 1985 में घर की एक मंजिल बनाई थी। दो मंजिल बाद में बनाईं। तीन मंजिला घर के 18 कमरे थे।
By Jagran NewsEdited By: Nidhi VinodiyaUpdated: Thu, 13 Jul 2023 10:57 PM (IST)
कुल्लू, जागरण संवाददाता। जीवन भर की कमाई से बनाए घर को ब्यास नदी कुछ ही मिनट में बहा ले गई। अब किराये पर रहने को मजबूर हैं। कुल्लू जिला के भुंतर निवासी देवेंद्र सिंह ने बताया कि उनके पिता दौलत चंद आइटीबीपी से इंस्पेक्टर पद से सेवानिवृत्त हुए हैं। वर्ष 1985 में घर की एक मंजिल बनाई थी। दो मंजिल बाद में बनाईं। तीन मंजिला घर के 18 कमरे थे, लेकिन रविवार दोपहर बाद ब्यास कुछ ही मिनट में घर को बहा ले गई।
जैसे-जैसे नदी का पानी घर में चढ़ रहा था, सब रोए जा रहे थे। सब बर्बाद हो गया। आज किराये के घर में रह रहे हैं। आज तक न तो प्रशासन और न ही सरकार ने सुध ली। पारला भुंतर के भूपेंद्र जंवाल की भी यही पीड़ा है। उनका घर भी ब्यास की बाढ़ की चपेट में आ गया। वर्ष 2016 में नया घर बनाया था। प्रशासन व सरकार की तरफ से कोई उनका हाल जानने नहीं आया। बोले, प्रशासन को चाहिए था कि एक बार आकर तो देखें।
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