अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव में आने से देवता कर सकते हैं इंकार, बतायी ये खास वजह
पुराना रास्ता ठीक नहीं हुआ तो इस बार दशहरा उत्सव में आने वाले देवी-देवताओं की संख्या कम हो सकती है मान्यता है कि देवताओं का स्थान सबसे ऊंचा होता है।
By Babita kashyapEdited By: Updated: Wed, 18 Sep 2019 08:41 AM (IST)
कुल्लू, मुकेश मेहरा। अंतरराष्ट्रीय दशहरा के लिए लाव लश्कर के साथ आनी, बंजार और निरमंड से आने वाले देवता औट सुरंग से नहीं गुजरते हैं। देवताओं का स्थान सबसे ऊंचा माना गया है। मान्यता है देव रथ जहां से भी गुजरे उसके ऊपर कुछ नहीं होना चाहिए। यही कारण है कि देवी-देवता औट सुरंग में प्रवेश न कर पुराने रास्ते से ही पैदल अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा में आते हैं।
दशहरा में आनी, बंजार और निरमंड के लगभग 150 देवी-देवता शिरकत करते हैं। अगर औट सुरंग के साथ लगता पुराना रास्ता ठीक नहीं हुआ तो इस बार दशहरा उत्सव में आने वाले देवी-देवताओं की संख्या कम भी हो सकती है। पहले जब सुरंग नहीं बनी थी तो देवता पुरानी सड़क से ही गुजरते थे। लारजी डैम बनने के बाद पुराना रास्ता उसमें आ गया और सुरंग बनाई गई, लेकिन देव परंपरा आज भी कायम है। मान्यता है कि देवताओं का स्थान सबसे ऊंचा होता है तथा इनके रथ के ऊपर कुछ नहीं होना चाहिए। सुरंग के अंदर धातु समेत कई तरह की वस्तुएं होने के कारण देवताओं की शक्तियों से टकराव होने का अंदेशा रहता है। अब जिस रास्ते से देवता आवागमन करते हैं
वह लारजी डैम में जलस्तर बढ़ने के कारण डूब जाता है। हर बार प्रशासन इसके लिए डैम का पानी कम करता है। फिर रास्ते की मरम्मत की जाती है, लेकिन इस बार ज्यादा बारिश होने के कारण अभी तक ऐसा नहीं हो पाया है। इससे अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव में देवताओं के आने पर संशय बना है।नहीं जाते घर के अंदर
कुल्लू व मंडी जिलों के देवता जब कहीं जाते हैं तो इनका रथ घर में प्रवेश नहीं करता। अगर घर के अंदर जाएं भी तो वहां सबसे ऊंचे स्थान पर विराजमान होते हैं, ताकि देवता के रथ के ऊपर कोई न हो। अगर घर के अंदर न जाएं तो मंदिर में रहते हैं।दशहरा कमेटी की बैठक में जारी हुए हैं आदेश औट सुरंग से देवताओं के न गुजरने का मामला जिलास्तरीय दशहरा कमेटी के समक्ष रखा गया था। इस पर कमेटी के चेयरमैन और मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने पुराने रास्ते को ठीक करने और बिजली आदि की व्यवस्था के लिए संबंधित विभागों को आदेश जारी किए हैं। डैम प्रबंधन को भी पानी कम कर उसे सड़क से नीचे रखने को कहा था।
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