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Kullu: अनार के साथ-साथ जापानी फल ने दी सब्जी मंडी में दस्तक, खिल उठे बागवानों के चेहरे; इस दाम पर बिक रही फसल

कुल्लू की संब्जी मंडियों में अब आपको जापानी फल भी देखने को मिलेंगे। जापानी फल का सीजन आ गया है। जापानी फल का प्रति किलो 85 रुपए तक रेट लग रहा है। जिससे बागवान काफी खुश हैं। बागवानों के चेहरे खिल उठे हैं। प्रदेश में जापानी फल की छह प्रजातियों अमेरिकन पैसोमन जर्मनी पैसोमन फूयू हैचिया टैक्सीस तथा पैरूमन का उत्पाद होता है।

By kamlesh kumariEdited By: Rajat MouryaUpdated: Mon, 25 Sep 2023 03:05 PM (IST)
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अनार के साथ-साथ जापानी फल ने दी सब्जी मंडी में दस्तक, खिल उठे बागवानों के चेहरे

कुल्लू, संजय कुमार। Japanese Fruit Ki Kullu जिला कुल्लू के बागबानों को पलम, नाशपाती सेब और अनार के बाद अब जापानी फल मालामाल करने लगा है। एक ओर निचले इलाकों के बागबान अनार से जेबें भर रहे हैं, तो साथ ही मध्यम ऊंचाई के बागवान अपने जापानी फलों को बाजार में उतार रहे हैं। बाजार में फसल को 40 से 85 रुपए के दाम मिल रहे हैं। लिहाजा, बागवानों के चेहरे ऊंचे दामों के कारण खिले हुए हैं।

पिछले कुछ सालों से सेब-अनार के बाद जापानी फल भी जिला कुल्लू के बागवानों की आर्थिकी को सुदृढ़ करने में अहम भूमिका निभाता आ रहा है। प्रदेश की मुख्य फसल सेब के समान अच्छी क्वालिटी का जापानी फल 85 रुपए प्रति किलो भुंतर सब्जी मंडी सहित अन्य मंडियों में बिक रहा है।

सेब के बराबर बिक रहा है जापानी फल

प्रदेश में जापानी फल की छह प्रजातियों अमेरिकन पैसोमन, जर्मनी पैसोमन, फूयू, हैचिया, टैक्सीस तथा पैरूमन का उत्पाद होता है। जापानी फल की इन प्रजातियों का सबसे ज्यादा उत्पाद फूयू व हैचिया का प्रदेश में होता है। सेब के बाद यदि किसी फल की तुलना रेट को लेकर की जाए तो जापानी फल सेब के बराबर बिक रहा है, जिसका बागवानों को बहुत लाभ हो रहा है।

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सेब उत्पादकों को हाथ लगी निराशा

हालांकि, बाजार में इस बार सेब उत्पादकों को निराशा हाथ लगी है। सेब की फसल होने के बावजूद सेब उत्पादकों के चेहरों में उतनी रौनक नहीं दिखी जितनी अक्सर होती है। जुलाई महीने में हुई भारी बारिश के कारण सेब का आकार व अच्छी गुणवत्ता न होना इसका मुख्य कारण रहा है। इस कारण बागवानों को सेब के अच्छे दाम नहीं मिल पाए हैं। लेकिन अब जापानी फल बागवानों के नुकसान की भरपाई करेगा।

कुल्लू के बागवान राजकुमार, प्रमोद, नूप राम, गेहर सिंह, भोप राम, देवराज ने बताया कि अन्य राज्यों की मंडियों में जापानी फल की अच्छी मांग रहती है और व्यापारी इसके अच्छे दाम बागवानों को देते हैं। उन्होंने बताया कि जब प्रदेश में सारे फल समाप्त हो जाते हैं तो जापानी फल ही बाजार में उपलब्ध होता है।

जापानी फल में आते हैं तीन रंग

अभी जापानी फल पूरी तरह से तैयार नहीं हो पाया है। जापानी फल में तीन प्रकार के रंग आते हैं। इन दिनों जापानी फल में ग्रीन कलर आया है। लगभग 15 दिनों के बाद पीला रंग आएगा और उसके बाद लाल रंग आने के बाद जापानी फल पूरी तरह से तैयार हो जाता है। बागवानों को अभी जापानी फल का तुड़ान नहीं करना चाहिए। इस कारण बागवानों को इतनी अच्छे दाम नहीं मिल पा रहे हैं। 15 दिनों के बाद जापानी फल के बागवानों को अच्छे दाम मिल सकते हैं। - रघुवीर ठाकुर, दुकान मालिक, सब्जी मंडी भुंतर

भुंतर सहित अन्य सब्जी मंडियों में जापानी फल पहुंच रहा है। लेकिन अभी जापानी फल पूरी तरह से तैयार नहीं हुआ है। बागवानों को अपने उत्पाद पूरी तरह से तैयार होने पर ही सब्जी मंडी में बेचने के लिए लाने चाहिए, ताकि अच्छी फसल का अच्छा दाम मिल सके। - शगुन सूद, सचिव, कृषि उपज मंडी समिति जिला कुल्लू

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