IIT मंडी में आयोजित हुआ 11वां दीक्षा समारोह, 60 स्टूडेंट्स को PHD की उपाधि और 505 को मिली डिग्री; जानें कौन रहे मुख्य अतिथि
हिमाचल प्रदेश के मंडी में 11वां दीक्षा समारोह आयोजित हुआ है। बीटेक में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के विद्यार्थी रहे उत्तर प्रदेश के नोएडा के आदित्य सरकार को शैक्षणिक व अन्य गतिविधियों में प्रथम रहने पर राष्ट्रपति स्वर्ण पदक प्रदान किया गया। आदित्य सरकार अमेरिका में एमटेक की पढ़ाई कर रहे हैं। उनकी जगह पिता आशीष सरकार ने डिग्री व पदक प्राप्त किया।
By Jagran NewsEdited By: Himani SharmaUpdated: Tue, 17 Oct 2023 08:36 AM (IST)
जागरण संवाददाता, मंडी। भारतीय प्रौद्योगिक संस्थान (आइआइटी) मंडी के 11वें दीक्षा समारोह में 60 विद्यार्थियों को पीएचडी की उपाधि व 505 को बीटेक,एमटेक,एमए,एमएससी की डिग्री दी गई। बीटेक में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के विद्यार्थी रहे उत्तर प्रदेश के नोएडा के आदित्य सरकार को शैक्षणिक व अन्य गतिविधियों में प्रथम रहने पर राष्ट्रपति स्वर्ण पदक प्रदान किया गया।
आदित्य सरकार अमेरिका में एमटेक की पढ़ाई कर रहे हैं। उनकी जगह पिता आशीष सरकार ने डिग्री व पदक प्राप्त किया। कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग में बीटेक करने वाले चंडीगढ़ के प्रीतिश चुघ को निदेशक और एमटेक मैकेनिकल इंजीनियरिंग के विद्यार्थी रहे उत्तर प्रदेश के पीलीभीत के सुधांशु गंगवार को संस्थान स्वर्ण पदक प्रदान किया गया।
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इसके अलावा संस्थान के 22 अन्य विद्यार्थियों को पदक प्रदान किए गए। कार्यक्रम में परमाणु ऊर्जा विभाग के सचिव एवं परमाणु ऊर्जा आयोग के अध्यक्ष डा. अजीत कुमार मोहंती मुख्यअतिथि थे। आइआइटी के बोर्ड आफ गवर्नर्स के अध्यक्ष लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) कंवल जीत सिंह ढिल्लों ने दीक्षा समोराह की अध्यक्षता की।
तनाव मुक्त, सीखने की प्रक्रिया और गुरुकुल की सीख को याद रखने का दिया मंत्र
डा. अजीत कुमार मोहंती ने विद्यार्थियों को तीन गुरु मंत्र दिए। पहला सीखने की प्रक्रिया,दूसरा तनाव रहित रहना और तीसरा गुरुकुल की परंपरा को हमेशा याद रखना। डा. मोहंती ने कहा कि स्नातक की पढ़ाई आसानी से नहीं होती है, लेकिन इस डिग्री को मिलने बाद अब अपने अगले लक्ष्य को ध्यान में रखें। जितना सीखेंगे उतना ही आप आगे बढ़ेंगे।
उन्होंने इस दौरान गुरुकुल के शिक्षा प्रणाली का महत्व बताया और कहा कि नई शिक्षा पद्धति में इसे शामिल किया गया है। उन्होंने महाभारत का उदाहरण देते हुए शकूनी मामा को दूसरा मैनेजमेंट कंसल्टेंट बताया और पहला भगवान कृष्ण पको। एक के कारण महाभारत हुआ दूसरे के कारण रुका था। कार्बनडाइआक्साइड उत्सर्जन पर चिंता जताते हुए कहा कि केवल विज्ञान और तकनीक से इसे रोकना संभव है। शिक्षा, स्वास्थ्य व स्वास्थ्य के अलावा ग्रीन एनर्जी आवश्यक है।
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