22 जोड़ों का देव बालाकामेश्वर बनियुरी ने करवाया विवाह
जिन वर-वधु की शादी नहीं हो रही या शादी में कुंडली बाधा बन रही है तो देव बालाकामेश्वर ब
By JagranEdited By: Updated: Tue, 01 Mar 2022 10:37 PM (IST)
जिन वर-वधु की शादी नहीं हो रही या शादी में कुंडली बाधा बन रही है तो देव बालाकामेश्वर बनियुरी ऐसे जोड़ों को विवाह बंधन में बांधते हैं। सोमवार को यहां पर 22 जोड़ों की शादी देवता के समक्ष हुई। देवता बिना कुंडली मिलान के ही अपने दरबार में शादी करवा देते हैं। अब तक ऐसे हजारों लोग देवता की शरण में जाकर शादी कर चुके हैं और सुखी वैवाहिक जीवन जी रहे हैं।
देवता के दर शादी करने वालों को कुछ नियमों का भी पालन करना होता है। इसमें चिकन, अंडे के सेवन से परहेज रहता है और जो देवता के आदेश को नहीं मानता उस पर देवता क्रोधित होते हैं। देव कमेटी ने अब बाकायदा तीन सालों से शादी पंजीकृत रजिस्टर रखा है। इसमें वर व वधु दोनों पक्षों की ओर से रिकार्ड दर्ज किया जाता है और प्रमाण पत्र भी दिया जाता है। मंदिर कमेटी के विवाह पंजीकरण कर्ता पुजारी निधि सिंह ने बताया कि सोमवार को अंबाला के दंपती सहित 22 जोड़ों ने देवता के समक्ष विवाह किया। शादियों का दौर दिनभर चलता रहा। देवता के बारे में बताते हुए पुजारी डोले राम ने कहा कि देवता के पास शारीरिक बीमारियों को भी खत्म करने की शक्तियां हैं। इसलिए देव बनियुरी को 18 प्रकार की शारीरिक बीमारियों (व्याधियों) के खात्मे का भंडारी माना गया है। रजवाड़ा काल में मंडी रियासत में गांव के गांव को चर्म रोग ने चपेट में ले लिए थे। तब राजा ने बीमारी के खात्मे को लेकर जनपद के सभी देवताओं को अपने महल बुलाया और उनकी परीक्षा लेनी चाही। कहा कि जो इस बीमारी को दूर करेगा उसे जागीर दी जाएगी। देव बालाकामेश्वर बनियुरी ने राजा की फरियाद सुनकर बीमारी को खत्म कर दिया। इसके बाद राजा ने उन्हें शिवरात्रि महोत्सव में निमंत्रण दिया और उचित सम्मान भी दिया। तबसे लेकर देव बालाकामेश्वर का शिवरात्रि मेले के दौरान अपना ही एक वर्चस्व है। देव समाज देव बालाकामेश्वर बनियुरी को बारिश का देवता भी मानते हैं।
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