प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना के तहत मंडी जिले में 141 गांवों में से 72 गांवों को आदर्श गांव घोषित किया गया है। इन गांवों के विकास के लिए लगभग 9 करोड़ 68 लाख रुपये जारी किए जा चुके हैं। विभिन्न विकास खंडों में 2566 से अधिक कार्य विभिन्न चरणों में हैं। अभी तक लगभग दो करोड़ 56 लाख रुपये से अधिक के उपयोगिता प्रमाणपत्र भी प्राप्त हो चुके हैं।
जागरण संवाददाता, मंडी। प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना के तहत जिला मंडी में चिह्नित 141 गांवों में से 72 गांवों को आदर्श गांव घोषित कर दिया गया है। इन आदर्श गांवों के लिए लगभग नौ करोड़ 68 लाख 40 हजार रुपये जारी किए जा चुके हैं और विकास खंडों में 2,566 से अधिक कार्य विभिन्न चरणों में हैं।
अभी तक लगभग दो करोड़ 56 लाख रुपये से अधिक के उपयोगिता प्रमाणपत्र भी प्राप्त हो चुके हैं। गुरुवार
को आदर्श गांवों में जारी विभिन्न विकास कार्यों की समीक्षा बैठक की गई। इसकी अध्यक्षता उपायुक्त मंडी अपूर्व देवगन ने की। उपायुक्त ने कहा कि प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना वर्ष 2009-10 में शुरू की गई थी।
इसका उद्देश्य केंद्र व राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं का अभिसरण कर 40 प्रतिशत या इससे अधिक अनुसूचित जाति जनसंख्या वाले गांवों का विकास सुनिश्चित करना है। चयनित प्रत्येक आदर्श गांव को अंतर भरण निधि (गैप फीलिंग फंड) के रूप में 20 लाख रुपये आवंटित किए जाते हैं।
इन गांवों में विभिन्न योजनाओं के अभिसरण से पेयजल व स्वच्छता, शिक्षा, स्वास्थ्य एवं पोषण, सामाजिक सुरक्षा, ग्रामीण सड़कें एवं आवास, विद्युत एवं स्वच्छ ईंधन, कृषि व्यवस्था, वित्तीय समावेशन, डिजिटाइजेशन, जीविकोपार्जन व दक्षता विकास जैसे क्षेत्रों में कार्य किया जा रहा है।
योजना के तहत तीन गांवों का चयन कर सर्वश्रेष्ठ ग्राम पंचायत पुरस्कार भी प्रदान किए जाते हैं।
समयसीमा निर्धारित कर पूर्ण करें अधिकारी
उपायुक्त ने सभी खंड विकास अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे योजना के तहत जारी कार्यों के पूर्ण होने के लिए समय सीमा निर्धारित कर निगरानी करें।
ग्राम स्तर पर गठित समितियां ही ग्राम विकास की योजना तैयार कर इन्हें जिला स्तर पर प्रेषित करती है। ऐसे में पंचायत प्रतिनिधियों की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो जाती है।
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