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Himachal Politics: माता-पिता के बाद अब बेटा संभालेगा मंडी की कर्मभूमि, पहले चुनाव में पिता को मिली थी जीत; मां को हार

इस बार के लोकसभा चुनाव में हिमाचल की मंडी संसदीय सीट सबसे हॉट बन गई है। क्योंकि यहां से पूर्व सीएम के बेटे विक्रमादित्य सिंह और बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत से है। माता-पिता के बाद अब बेटे विक्रमादित्य मंडी की कर्मभूम संभालेंगे। वीरभद्र सिंह मंडी संसदीय क्षेत्र से राजनीति के शिखर तक पहुंचे थे। कांग्रेस और भाजपा के लिए ये साख की लड़ाई बन गई है।

By Jagran News Edited By: Monu Kumar Jha Updated: Sun, 14 Apr 2024 09:06 AM (IST)
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Himachal Lok Sabha Election 2024: माता-पिता के बाद अब बेटा संभालेगा मंडी की कर्मभूमि।
हंसराज सैनी,मंडी। (Mandi Lok Sabha Election Hindi News) माता प्रतिभा सिंह और पिता वीरभद्र सिंह के बाद अब बेटा विक्रमादित्य सिंह मंडी की कर्मभूमि संभालेगा। पहले चुनाव में उनके पिता को जीत मिली थी,जबकि मां की हार हुई थी। प्रदेश के छह बार मुख्यमंत्री रहे स्व. वीरभद्र सिंह मंडी संसदीय क्षेत्र से ही राजनीति के शिखर तक पहुंचे थे। डा. मनमोहन सिंह की सरकार में कैबिनेट मंत्री बने थे।

वीरभद्र सिंह परिवार का इस संसदीय क्षेत्र से 57 साल पुराना नाता

वीरभद्र सिंह ( Virbhadra Singh) परिवार का इसी संसदीय क्षेत्र से 57 वर्ष पुराना नाता है। उन्होंने 1971 में यहां से लोकसभा का पहला चुनाव लड़ा था। रिकार्ड 71.95 प्रतिशत मत प्राप्त किए थे। उनके प्रतिद्वंदी मंधर लाल काे मात्र 16.14 प्रतिशत मत मिले थे। 1977 के चुनाव में जनता पार्टी की लहर में हार का सामना करना पड़ा था। 1980 के चुनाव में वीरभद्र सिंह यहां से दूसरी बार सांसद निर्वाचित हुए थे।

18 वर्ष के बाद पत्नी मैदान में उतरी, समधी से मिली हार

तीन वर्ष बाद 1983 में कांग्रेस (Himachal Congress) के केंद्रीय नेतृत्व ने उन्हें मुख्यमंत्री बनाकर दोबारा प्रदेश की राजनीति में भेजा था। 18 वर्ष के अंतराल के बाद 1998 में उनकी पत्नी प्रतिभा सिंह ( Pratibha Singh) यहां से चुनाव मैदान में उतरी थी। रिश्ते में उनके समधी भाजपा के महेश्वर सिंह से मुकाबला हुआ था। प्रतिभा सिंह को हार का मुंह देखना पड़ा था।

दूसरी बार प्रतिभा सिंह ने 2004 में चुनाव लड़ा था। महेश्वर सिंह से 1998 की हार का बदला लेकर पहली बार सांसद बनी थी। 2009 का चुनाव उनके पति वीरभद्र सिंह ने लड़ा था। मुकाबला दो समधियों के बीच हुआ था। बाजी वीरभद्र सिंह के हाथ लगी थी। वह तीसरी बार यहां से सांसद निर्वाचित हुए थे।

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सीएम बनने के बाद सिंह ने संसद सदस्य से दिया इस्तीफा

प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने के बाद वीरभद्र सिंह ने 2012 में संसद सदस्य से पद से त्यागपत्र दे दिया था। मई 2013 में उपचुनाव हुआ था। प्रतिभा सिंह तीसरी बार चुनाव मैदान में उतरी थी। वर्तमान में नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर (Jairam Thakur) को हराकर दूसरी बार सांसद बनी थी। 2014 के चुनाव में भाजपा (Himachal BJP) के रामस्वरूप शर्मा से पराजित हुई थी।

इसके बाद प्रतिभा सिंह नंवबर 2021 में हुए उपचुनाव में उतरी थी। यह उनका 5वां चुनाव था। सारे राजनीतिक समीकरणों को फेल कर वह तीसरी बार सांसद बनी थी। इस संसदीय क्षेत्र में वीरभद्र और प्रतिभा सिंह ने कुल नौ बार चुनाव लड़े। छह बार विजयी रहे।

बेटे विक्रमादित्य सिंह का मुकाबला भाजपा प्रत्याशी कंगना रनौत से

तीन बार हार का सामना करना पड़ा था। अब विक्रमादित्य सिंह (Vikramaditya Singh) अपने माता-पिता की कर्मभूमि रहे प्रदेश के छह जिलों के 17 विधानसभा क्षेत्रों में फैले इस संसदीय क्षेत्र से अपनी नई पारी का शुभारंभ करने जा रहे हैं। उनका मुकाबला भाजपा की कंगना रनौत ((Kangana Ranaut) से होगा।

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