Mandi News: अब ढांगू में नहीं बनेगा अटल मेडिकल यूनिवर्सिटी का कैंपस, इसके पीछे ये है बड़ी वजह; जानें
अटल आयुर्विज्ञान और अनुसंधान विश्वविद्यालय (Mandi News) नेरचौक का कैंपस अब ढांगू में नहीं बनेगा। बल्ह हलके से शीघ्र विश्वविद्यालय की सौगात छिन जाएगी। छह साल से विश्वविद्यालय का कामकाज अस्थायी रूप से लाल बहादुर शास्त्री मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के परिसर से चल रहा है। सुकेती की बाढ़ में 60 बीघा जमीन बह गई। अब सिर्फ 40 बीघा जमीन ही बची हुई है।
जागरण संवाददाता, मंडी।(Himachal News) अटल आयुर्विज्ञान और अनुसंधान विश्वविद्यालय नेरचौक का कैंपस अब ढांगू में नहीं बनेगा। बल्ह हलके से शीघ्र विश्वविद्यालय की सौगात छिन जाएगी।
ढांगू में करीब 100 बीघा सरकारी भूमि की थी चिन्हित
करीब छह साल से विश्वविद्यालय का कामकाज अस्थायी रूप से लाल बहादुर शास्त्री मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के परिसर से चल रहा है। विश्वविद्यालय का अपना कैंपस बनाने के लिए स्योहली पंचायत के ढांगू में करीब 100 बीघा सरकारी भूमि चिन्हित की थी।
सरकार ने भूमि विश्वविद्यालय के नाम हस्तांतरित करने की हामी भर दी थी। विश्वविद्यालय प्रबंधन ने वन संरक्षण अधिनियम (एफसीए) के तहत एक करोड़ रुपये की क्षतिपूर्ति राशि भरने की तैयारी कर ली थी।
60 बीघा जमीन बाढ़ में बही
खरीफ की फसल कटने के बाद विश्वविद्यालय प्रबंधन ने चिन्हित जमीन की निशानदेही करवाई थी। निशानदेही में चिन्हित जमीन मात्र 40 बीघा ही निकली।
अगस्त में चार बार सुकेती खड्ड में आई भीषण बाढ़ अपने साथ 60 बीघा भूमि बहाकर ले गई। 60 बीघा भूमि पाए जाने पर विश्वविद्यालय प्रबंधन ने यहां कैंपस बनाने से अपने हाथ पीछे खींच लिए हैं।
एफसीए में प्रबंधन को पूरा पैसा देना पड़ रहा था। कागजों में जमीन भले ही पूरी है,लेकिन धरातल पर 40 बीघा ही बची है। अब विश्वविद्यालय कैंपस के लिए प्रबंधन ने सदर हलके के तल्याहड़ व मझवाड़ में जमीन देखी है।
अगले सप्ताह उपायुक्त मंडी अरिंदम चौधरी के साथ विश्वविद्यालय के अधिकारी जमीन की निरीक्षण करेंगे। एक साइट चिन्हित होने के बाद भूमि हस्तांतरण की प्रक्रिया शुरू होगी। विश्वविद्यालय का नेरचौक से अन्य हलके को स्थानांतरित होना स्थानीय लोगों के लिए बड़ा झटका है। स्थानीय नेताओं की कार्यप्रणाली पर भी बड़ा प्रश्न चिन्ह है। अटल विश्वविद्यालय के तहत प्रदेश के सातों निजी सरकारी मेडिकल कॉलेज,आयुर्वेदिक व होम्योपैथिक कॉलेज,नर्सिंग कॉलेज संचालित हो रहे हैं। ढांगू में चिन्हित जमीन निशानदेही में 60 बीघा कम पाई गई है। ऐसे में इस साइट को रद्द करने के अलावा कोई विकल्प नहीं था। अब मझवाड़ व तल्याहड़ में कैंपस के लिए जमीन देखी जा रही है।
डा. सुरेंद्र कश्यप, कुलपति अटल आयुर्विज्ञान और अनुसंधान विश्वविद्यालय नेरचौक