Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

हिमाचल के जोगेंद्रनगर में आपदा से हुए नुकसान का आकलन करने पहुंची केंद्रीय निरीक्षण टीम, एसडीएम ने दी रिपोर्ट

हिमाचल प्रदेश के जोगिंदर नगर में चार सदस्यीय केंद्रीय टीम ने एसडीएम कृष्ण कुमार शर्मा के साथ फील्ड में पंहुचकर हालात का निरीक्षण किया। टीम ने जुलाई से अगस्त के महीनें में आई आपदा से 46 करोड़ के नुकसान के आकलन पर प्रशासन से सवाल जवाब किए। इसके साथ ही टीम ने उपमंडल में हुए नुकसान का भी जायजा लिया।

By Surinder SharmaEdited By: Shoyeb AhmedUpdated: Sat, 30 Sep 2023 03:59 PM (IST)
Hero Image
जोगेंद्रनगर में नुकसान का आकलन करने पहुंची केंद्रीय निरीक्षण टीम (फाइल फोटो)

संवाद सहयोगी, जोगेंद्रनगर। हिमाचल प्रदेश के जोगिंदर नगर में जुलाई और अगस्त में आई आपदा से हुए नुकसान का आकलन करने पहुंची केंद्रीय निरीक्षण की टीम (Central Inspection Team) ने प्रशासन से जवाब तलब किया है। उपमंडल में हुए नुकसान का भी जायजा लिया है। चार सदस्यीय केंद्रीय टीम ने एसडीएम कृष्ण कुमार शर्मा (SDM Krishna Kumar Sharma) के साथ फील्ड में पंहुचकर हालात का निरीक्षण किया। एसडीएम ने केंद्रीय निरीक्षण टीम को बताया कि जुलाई की नौ दस तारीख से अगस्त के अंत तक जोगेंद्रनगर उपमंडल में अनुमानित 46 करोड़ के नुकसान का आकलन विभिन्न विभाग की अधिकारिक रिपोर्ट के तहत किया गया है।

अनुमानित 2337.90 लाख की हुई क्षति

लोक निर्माण विभाग की सड़कों, डंगो, व पुलों के क्षतिग्रस्त हो जाने से अनुमानित 2337.90 लाख की क्षति हुई है। जल शक्ति विभाग की सिंचाई, पेयजल योजनाओं पर इस साल आपदा ने खूब कहर बरपाते हुए 21 करोड़ की चपत लगाई है। हाइवोल्टेज तारों,ट्रांसफार्मर को अनुमानित 23 लाख रुपये का नुकसान पंहुचा है। लडभड़ोल क्षेत्र में 6 हेक्टेयर भूमि पर बागवानी विभाग ने एक करोड़ 16 लाख रुपये की रिपोर्ट स्थानीय प्रशासन को सौंपी है। इसी प्रकार रिहायशी मकान व अन्य भवनों के क्षतिग्रस्त हो जाने पर अनुमानित एक करोड़ के नुकसान हुआ है।

ये भी पढ़ें:- आपदा के 83 दिन बाद कसोल पहुंचे पर्यटक, कारोबारियों में खुशी की लहर

दोनों परियोजनाओं को हुआ करीब ढ़ाई करोड़ का नुकसान

जल शक्ति विभाग की दो उठाऊ पेयजल योजनाओं को ब्यास की बाढ से अनुमानित ढ़ाई करोड़ का नुकसान पंहुचा है। उटपुर और सांढापतन में दोनों पेयजल योजनाओं का नामोनिशान मिट गया है। आपदा में प्रभावित परिवारों को स्थानीय प्रशासन के माध्यम से लगभग 79लाख की आर्थिक सहायता, 300 से अधिक राशन की किट व 400 के करीब तिरपाल भी वितरित कर दिए है।

केंद्रीय आपदा टीम को बताया की कस, दलेड, नेरघरवासडा पंचायत में बादल फटने से लगभग 150 लोग बेघर हो गए थे। जिन्हें स्थानीय प्रशासन ने राहत शिविरों में शरण दी है। बाढ़ से जोगेंद्रनगर की द्रुबल पंचायत के तीन लोगों की मौत हो गई। कुल 22 पंचायतों में अनुमानित 46 करोड़ का नुकसान हुआ है।

ये भी पढ़ें:- जल शक्ति विभाग के कलैहली पंप हाउस का कार्य नहीं हुआ शुरू, तीन महीने बाद भी पानी की सप्लाई बंद

आपके शहर की तथ्यपूर्ण खबरें अब आपके मोबाइल पर