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Mandi News: मुख्य सचिव ने कैंची मोड़ विवाद सुलझाने के दिए निर्देश, दशहरा से पहले मार्ग बहाल करने की कही बात

Kainchi Mod Dispute कैंची मोड विवाद को लेकर मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने एनएचएआई (NHAI) और आरटीडीसी (RTDC) को निर्देश जारी करते हुए कहा कि 10 मीटर के इस विवाद को जल्द सुलझाया जाए जिससे दशहरा तक मार्ग की बहाली की जा सके। इसके साथ ही मंगलवार को आरटीडीसी के निदेशक और एनएचएआई के क्षेत्रीय अधिकारी स्थल का निरीक्षण करेंगे।

By Jagran NewsEdited By: Deepak SaxenaUpdated: Sat, 30 Sep 2023 09:16 AM (IST)
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मुख्य सचिव ने कैंची मोड़ विवाद सुलझाने के दिए निर्देश
जागरण संवाददाता, मंडी: पंडोह कैंची मोड़ को छोड़कर मंडी से मनाली तक मार्ग को तय अवधि से पहले दोतरफा बहाल करने पर मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के अधिकारियों की पीठ थपथपाई है। इसके साथ ही उन्होंने एनएचएआई और आरटीडीसी के अधिकारियों को कैंची मोड़ विवाद शीघ्र सुलझाने के निर्देश दिए हैं।

मुख्य सचिव के निर्देश पर एनएचएआई के क्षेत्रीय अधिकारी शिमला अब्दुल बासित और रोपवे एवं रैपिड ट्रांसपोर्ट सिस्टम डेवलपमेंट कारपोरेशन (आरटीडीसी) के निदेशक अजय शर्मा मंगलवार को कैंची मोड़ का स्थल निरीक्षण कर विवाद को सुलझाने का प्रयास करेंगे। इससे पहले उद्योग एवं परिवहन विभाग के प्रधान सचिव आरडी नजीम, एनआईटी हमीरपुर के विशेषज्ञ कैंची मोड़ में उपजे हालात का जायजा ले चुके हैं। पहले विवाद 40 मीटर पर चल रहा था। दोनों पक्षों के बीच हुई कई दौर की वार्ता के बाद 10 मीटर पर विवाद रह गया है।

क्या है विवाद?

13 अगस्त को बादल फटने से कैंची मोड़ में फोरलेन पहाड़ सहित जमींदोज हो गया था। इससे कुल्लू जिले का संपर्क कट गया था। मार्ग बहाल करने के लिए एनएचएआई यहां करीब 100 मीटर लंबी और 41 मीटर ऊंची रिटेनिंग वाल लगा रहा है। वाल लगने से यहां मार्ग का निर्माण संभव हो पाएगा। कैंची मोड़ में ही बगलामुखी माता मंदिर के लिए 750 मीटर लंबा रोपवे बन रहा है। स्टेशन भवन बनकर तैयार हो चुका है। रिटेनिंग वाल लगाने के लिए पहाड़ की कटिंग जरूरी है।

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आरटीडीसी अपने भवन को खतरा बता कटिंग का काम बार-बार बंद करवा रहा है। काम बाधित होने से रिटेनिंग वाल को पूरा करने में दो से ढाई माह का समय लगेगा। मुख्य सचिव ने दशहरा से पहले कैंची मोड़ बहाल करने के निर्देश दिए हैं।

आज से क्रशर करेगा काम

निर्माण सामग्री तैयार करने के लिए कुल्लू में स्थापित क्रशर शनिवार से काम करेगा। पहली अक्टूबर से कुल्लू से मनाली तक सोलिंग का काम शुरु होगा। सोलिंग की तीन परत के बाद टारिंग होने से धूल व कीचड़ आदि की समस्या समाप्त हो जाएगी। झलोगी सुरंग 11 के पास वीरवार रात भूस्खलन होने से यहां वाहनों की आवाजाही रोक दी गई है।

एनएचएआई के परियोजना निदेशक मंडी वरुण चारी ने कहा कि कैंची मोड़ विवाद सुलझाने के लिए आरओ और आरटीडीसी के निदेशक स्थल निरीक्षण करेंगे। यहां रिटेनिंग वाल का काम पूरा करने में दो माह का समय लगेगा। विवाद के कारण काम गति नहीं पकड़ रहा है।

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