Mandi News: Pensioners दिवस पर घमासान, चुनावों को लेकर उलझे पदाधिकारी; नया पैनल देने पर खरबाड़ा समर्थक भड़के
राष्ट्रीय पेंशनर दिवस पर हिमाचल प्रदेश विद्युत पेंशनर्स फोरम का कार्यक्रम घमासान में बदल गया। विवाद बढ़ता देख कार्यक्रम को बीच में ही समाप्त कर दिया गया और पदाधिकारी मंच छोड़कर चले गए। कार्यक्रम के बीच चुनावी प्रक्रिया करवाने पर भड़के कर्मचारी नेता कुलदीप खरबाड़ा और उनके समर्थकों ने दूसरे पदाधिकारियों के खिलाफ मनमानी करने और बिना पुरानी कार्यकारिणी को भंग कर नई कार्यकारिणी बनाने का आरोप लगाया।
By Mukesh KumarEdited By: Shoyeb AhmedUpdated: Sun, 17 Dec 2023 05:47 PM (IST)
जागरण संवाददाता, मंडी। Fight In Electricity Pensioners Forum Program: राष्ट्रीय पेंशनर दिवस (National Pensioners Day) पर हिमाचल प्रदेश विद्युत पेंशनर्स फोरम का कार्यक्रम घमासान में बदल गया।
कार्यक्रम के बीच चुनावी प्रक्रिया करवाने पर भड़के कर्मचारी नेता कुलदीप खरबाड़ा व उनके समर्थकों ने दूसरे पदाधिकारियों के खिलाफ मनमानी करने और बिना पुरानी कार्यकारिणी को भंग कर नई कार्यकारिणी बनाने का आरोप लगा नारेबाजी आरंभ कर दी। विवाद बढ़ता देख कार्यक्रम को बीच में ही समाप्त करना पड़ा। पदाधिकारी मंच छोड़कर चले गए।
भीमकाली मंदिर में था कार्यक्रम
रविवार को राष्ट्रीय पेंशनर दिवस पर भीमाकाली मंदिर हाल में कार्यक्रम का आयोजन मुख्य अतिथि ई.एएस गुप्ता की मौजूदगी में आरंभ हुआ। कार्यक्रम में 2000 से अधिक सेवानिवृत कर्मचारी मौजूद रथे। कार्यक्रम में आरंभ में स्वर्ग सिधार चुके साथियों को श्रद्धांजलि दी गई। इसके बाद वक्ताओं ने अपने-अपने विचार रखे।एक वक्ता ने हंगामा कर रहे लोगों को हुडदंगी कहा
इसी दौरान महासचिव चंद्र सिंह मंडयाल ने नई कार्यकारिणी बनाने के लिए प्रस्ताव रखा पैनल के नाम बताए। बिना पुरानी कार्यकारिणी को भंग किए नई कार्यकारिणी के गठन पर कर्मचारियों का दूसरा धड़ा भड़क गया।
मौके पर मौजूद कर्मचारी नेता कुलदीप खरबाड़ा सहित अन्य पूर्व कर्मचारी नारेबाजी और हंगामा करने लगे और मंच तक पहुंच गए। इसी दौरान एक वक्ता ने हंगामा कर रहे लोगों को हुडदंगी और शरारती तत्व कहकर संबोधित कर दिया। इसके बाद विवाद ओर बढ़ गया।
कुलदीप खरबाड़ा ने लगाया ये आरोप
कुलदीप खरबाड़ा का आरोप था कि फोरम के पदाधिकारियों ने अपनी मर्जी से नाम तय करके पुरानी कार्यकारिणी को भंग किए बिना ही नई कार्यकारिणी का गठन किस तरह से किया जा सकता है।
ये भी पढे़ं- ऊना में प्रवासी मजदूरों की झोपड़ियों में लगी आग, दो बच्चों समेत जिंदा जली मां; जांच में जुटी पुलिसउन्होंने कहा कि 10 प्रतिशत इंजीनियर विंग के कर्मचारियों को पदाधिकारी बनाया गया है और 90 प्रतिशत अन्य कर्मचारियों को अनदेखा कर दिया गया है। ऐसे में कर्मचारियों को नाराजगी जाहिर करने पर हुड़दंगी और शरारती तत्व कहना कहां तक सही है।
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