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Himachal News: अनाथ बच्‍चों का सहारा बनी मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना, हर महीने जेब खर्च के लिए मिल रहे इतने रुपये

हिमाचल प्रदेश में मुख्‍यमंत्री सुख आश्रय योजना (CM Sukh Ashray Yojana) अनाथ बच्‍चों का सहारा बन रही है। हर महीने जेब खर्च के लिए चार हजार रुपये मिल रहे हैं। मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना को चार प्रमुख घटकों के तहत चलाया जा रहा है। पहले घटक में 18 वर्ष की आयु से पहले बेसहारा हुए बच्चों को कानूनन विवाह करने पर 2 लाख रुपये उपलब्ध करवाए जा रहे है।

By Surinder Sharma Edited By: Himani Sharma Updated: Thu, 14 Mar 2024 04:20 PM (IST)
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अनाथ बच्‍चों का सहारा बनी मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना (फाइल फोटो)

जागरण संवाददाता, जोगेंद्रनगर। मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना (CM Sukh Ashray Yojana) चौंतड़ा ब्लॉक में 35 निराश्रित व बेसहारा बच्चों का सहारा बनी है। इस योजना के माध्यम से 18 से 27 वर्ष आयु वर्ग के इन बच्चों को प्रदेश सरकार प्रतिमाह चार चार हजार रुपये जेब खर्च के रूप में प्रदान कर रही है।

इसके अतिरिक्त उच्च, व्यावसायिक व कौशल शिक्षा प्राप्त करने वाले 7 निराश्रित व बेसहारा बच्चों की शिक्षा का खर्च भी प्रदेश सरकार वहन कर रही है। ऐसे एक-एक बच्चे को अपना व्यवसाय शुरू करने तथा शादी करने के लिए भी सरकार धनराशि उपलब्ध करवाने जा रही है।

बाल विकास परियोजना के तहत सरकार दे चुकी इतना खर्च

बाल विकास परियोजना अधिकारी (सीडीपीओ) चौंतड़ा बीआर वर्मा ने बताया कि चौंतड़ा ब्लॉक में अब तक गत चार माह के दौरान प्रति बच्चा 16-16 हजार रुपये सरकार ने उपलब्ध करवा दी है। बीएससी नर्सिंग के दो, प्रबंधन में पीजी डिप्लोमा का एक, होटल मैनेजमेंट के दो तथा स्नातक व शास्त्री की शिक्षा प्राप्त कर रहे एक-एक बच्चे का मामला स्वीकृति के लिए सरकार को प्रेषित कर दिया गया है।

इन सभी बच्चों का आने वाले समय में सरकार की ओर से शिक्षा हासिल करने का संपूर्ण खर्च वहन किया जाएगा। सरकार शादी करने वाले अनाथ बच्चे को 3 लाख रुपये तथा अपना कोई भी कारोबार शुरू करने के लिए 2 लाख रुपये की आर्थिक मदद प्रदान कर रही है।

चार घटकों में चलाई जा रही है सीएम सुख आश्रय योजना

मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना को चार प्रमुख घटकों के तहत चलाया जा रहा है। पहले घटक में 18 वर्ष की आयु से पहले बेसहारा हुए बच्चों को कानूनन विवाह करने पर 2 लाख रुपये उपलब्ध करवाए जा रहे है। दूसरे घटक के तहत महिला एवं बाल विकास विभाग के माध्यम से सीसीआई संस्थानों में रहने वाले प्रत्येक बच्चों के आवर्ती जमा खाते खोले गए हैं ताकि इन खातों से 14 साल से अधिक उम्र के बच्चे जरूरत अनुसार धनराशि निकाल सकें।

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इसी योजना के तीसरे घटक के अंतर्गत ऐसे व्यक्ति को सरकार मकान बनाने के लिए भूमि उपलब्ध करवाएगी जो 27 वर्ष की आयु से पहले बेसहारा हो गया है और भूमिहीन है। साथ ही मकान बनाने के लिए मुख्य मंत्री सुख आश्रय योजना के तहत तीन लाख रुपये दिए जा रहे हैं।

इसी योजना के चौथे घटक के तहत उच्च, व्यावसायिक व कौशल शिक्षा प्राप्त करने वाले निराश्रित व बेसहारा बच्चों का पूरा खर्च प्रदेश सरकार वहन कर रही है। साथ ही प्रति व्यक्ति चार हजार रुपये प्रतिमाह व्यक्तिगत खर्चों को पूरा करने के लिए भी दिए जा रहे हैं।

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