Mandi: कमेटी ने सरकार को नहीं सौंपी आपदा के कारणों की रिपोर्ट; गडकरी के सुझाव पर भी नहीं किया गया कोई गौर; पेशोपेश में NHAI
हिमाचल प्रदेश के मंडी में कमेटी ने सरकार को अब तक आपदा के कारणों की रिपोर्ट नहीं सौंपी है। इससे प्रदेश सरकार डिसिल्टिंग पर कोई निर्णय नहीं ले पा रही है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) के अधिकारी भी पशोपेश में है। नितिन गडकरी के सुझाव पर तीन माह बाद भी कोई गौर नहीं हुआ है।
By Jagran NewsEdited By: Himani SharmaUpdated: Sun, 05 Nov 2023 01:17 PM (IST)
हंसराज सैनी, मंडी। ब्यास, पार्वती व तीर्थन नदी से बरसात में हुई तबाही के कारणों का पता लगाने को गठित उच्च स्तरीय कमेटी ने दो माह बाद भी सरकार को अपनी रिपोर्ट नहीं सौंपी है। इससे प्रदेश सरकार डिसिल्टिंग पर कोई निर्णय नहीं ले पा रही है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) के अधिकारी भी पशोपेश में है।
नितिन गडकरी के सुझाव पर तीन माह बाद भी नहीं हुआ गौर
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी के सुझाव पर तीन माह बाद भी कोई गौर नहीं हुआ है। भविष्य में फोरलेन को इस तरह का नुकसान न हो नितिन गडकरी ने प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से अपने मनाली प्रवास के दौरान ब्यास नदी की डिसिल्टिंग करने व उससे निकलने वाला पत्थर रेत फोरलेन निर्माण के लिए एनएचएआइ को देने का आग्रह किया था।
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आठ जुलाई को ब्यास नदी में आई भीषण बाढ़ से मनाली से कुल्लू तक कई स्थानों पर फोरलेन का नामोनिशान मिट गया है। अब अस्थायी मार्ग बनाकर काम चलाया जा रहा है। एनएचएआइ के अध्यक्ष संतोष कुमार यादव ने अब प्रदेश के मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना को पत्र लिख मनाली से मंडी तक शीघ्र ब्यास की डिसिल्टिंग करवाने व उससे निकलने वाली सामग्री एनएचएआइ को मार्ग निर्माण में देने के लिए नीति बनाने का आग्रह किया है।
3.7 किलोमीटर अस्थायी मार्ग का चार बार अनुमान
पंडोह बांध से कैंची मोड़ को जोड़ने के लिए बनाए गए 3.7 किलोमीटर अस्थायी मार्ग का लोक निर्माण विभाग चार बार अनुमान दे चुका है। इससे एनएचएआइ को बार बार मुख्यालय से स्वीकृति लेनी पड़ रही है। लोक निर्माण विभाग ने पहले 2.5 किलोमीटर मार्ग के निर्माण के लिए 1.24करोड़,फिर 1.2 किलोमीटर मार्ग के लिए 0.73 करोड़ का अनुमान दिया था।यह भी पढ़ें: Mandi News: उद्योगपति और उसके भाई ने बैंक ऑफ इंडिया को लगाया करोड़ों का चूना, अब दोनों पर CBI ने कसा शिकंजा
एनएचएआइ ने 1.97 करोड़ से लोक निर्माण विभाग को 1.48 करोड़ की राशि जारी कर दी थी। तीसरी बार 1.2 किलोमीटर को चौड़ा करने का 1.18 करोड़ का अनुमान दिया। इसमें एनएचएआइ 88 लाख रुपये दे चुका है। अब चौथी बार 2.5 किलोमीटर के लिए 2.56 करोड़ का अनुमान थमाया गया है। इसकी स्वीकृति मिलना अभी बाकी है।
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एनएचएआइ ने बलोह व मोड़ा टोल प्लाजा की नए सिरे से नीलामी कर दी है। मोड़ा टोल पहले से सात लाख रुपये महंगा नीलाम हुआ है। पहले करीब 18 लाख प्रतिदिन मिलते थे। अब एनएचएआइ के कोष में रोजाना 25 लाख रुपये आएंगे। बलोह प्लाजा करीब छह लाख रुपये में नीलाम हुआ है। पहले 6.38 लाख में नीलामी हुई थी। मार्ग खराब होने की वजह से यहां अभी कम टोल लिया जा रहा है। दोनों टोल प्लाजा की नीलामी एक साल के लिए हुई है।फोरलेन निर्माण के लिए ब्यास नदी की डिसिल्टिंग जरुरी है। रेत व पत्थर के पहाड़ आठ जुलाई की तरह भविष्य में भी तबाही मचा सकते हैं। प्रदेश सरकार से शीघ्र कारगर कदम उठाने का आग्रह किया गया है। -वरुण चारी, परियोजना निदेशक एनएचएआइ मंडी