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रियल एस्टेट कंपनी का कर्मचारी तीन साल में बन गया करोड़पति, क्रिप्टो करेंसी में धोखाधड़ी कर बनाई अकूत संपत्ति

Crypto Scam क्रिप्टो करेंसी धोखाधड़ी के जरिए एक मामूली रियल एस्टेट कर्मचारी विजय कुमार जुनेजा ने कुछ ही सालों में करोड़ों की संपत्ति बना ली। उसने मुख्य आरोपी सुभाष शर्मा और उसके साथियों को पहले क्रिप्टो करेंसी का नकद पैसा संपत्ति में लगाने के लिए उकसाया और फिर एक-एक कर सभी को चूना लगा दिया। अब वह भूमिगत हो गया है।

By Jagran News Edited By: Rajiv Mishra Updated: Thu, 14 Nov 2024 12:04 PM (IST)
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विजय कुमार जुनेजा क्रिप्टो करेंसी धोखाधड़ी से न गया करोड़ों का कारोबारी (प्रतीकात्मक तस्वीर)
हंसराज सैनी, मंडी। क्रिप्टो करेंसी धोखाधड़ी से एक रियल एस्टेट कंपनी का मामूली सा कर्मचारी विजय कुमार जुनेजा दो से तीन वर्ष में करोड़ों रुपये की संपत्ति का मालिक बन गया। मुख्य आरोपित सुभाष शर्मा व उसके सहयोगियों को पहले क्रिप्टो करेंसी का नकद पैसा संपत्ति में लगाने के लिए उकसाया। बाद में एक-एक कर सभी को चूना लगाया।

पंजाब के नाभा रोड व जीरकपुर में स्टूडियो अपार्टमेंट्स जैसी संपत्ति बनाई। स्टूडियो अपार्टमेंट्स से हर माह 15 लाख रुपये किराया आता था। जुनेजा स्क्वायर के अलावा रिवरडेल बिजनेस सेंटर के पास चार शोरूम खरीदे। इसमें सुभाष शर्मा भी सहयोगी था।

विजय का सुभाष शर्मा के साथ लंबे समय से संबंध था

जांच में यह पाया गया कि विजय का सुभाष शर्मा के साथ लंबे समय से संबंध था। जब सुभाष ने कोरवियो करेंंसी शुरू की थी,तो उसने निवेशकों से नकद राशि एकत्र की थी। शुरू में नकद राशि को डिजिटल मुद्रा में निवेश किया गया था। जब सुभाष की विजय से मुलाकात हुई तो संपत्ति में नकद निवेश करने का प्रस्ताव रखा ताकि अधिक लाभ प्राप्त हो सके।

विजय के उकसावे पर सुभाष शर्मा ने हेमराज, सुखदेव, अभिषेक, विपिन,गोविंद गोस्वामी,विशाल वर्मा, संजय सकलानी, धर्मेंद्र, सुरेश और ओमप्रकाश को एकत्र की गई नकद राशि सौंपने के निर्देश दिए थे। इन निधियों को वैध बनाने के लिए सुभाष शर्मा और अन्य आरोपितों के साथ विजय ने संयुक्त बैंक खाते खोले थे।

खातों में जमा किए 3,10,66,227 रुपये

आरोपित व उसके बेटों ने क्रिप्टो करेंसी संचालन के दौरान खोले गए खातों में कुल 3,10,66,227 रुपये जमा किए,जो ज्यादातर उन्होंने निकाल लिए। खातों से निकासी तब हुई जब सुभाष शर्मा देश छोड़कर भाग गया।

अपने घरेलू सहायकों और कर्मचारियों के नाम पर खोले गए खातों से कुल 3,24,03,736 रुपये जमा और निकाले। क्रिप्टो करेंसी लेनदेन से प्राप्त निधियों को छुपाया गया।

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2018 तक उसके पास मात्र तीन बैंक खाते थे

आरोपित विजय व उसके स्वजन के 2018 तक मात्र तीन बैंक खाते थे। इनमें 2003 से 2018 के बीच 1,89,06,940 रुपये का लेनदेन हुआ था। यह लेनदेन मुख्य रूप से रियल एस्टेट के कारोबार से संबंधित था। बाद में सुभाष शर्मा के साथ तीन संयुक्त बैंक खाते खोले।

इनमें एक खाते में हेमराज और सुखदेव भी शामिल थे। इन खातों में कुल 3,10,66,227 रुपये का लेनदेन हुआ था। आरोपित व उसके स्वजन ने बड़ी मात्रा में पैसे की निकासी की। 2018 में सुभाष शर्मा के साथ जुड़ने के बाद आरोपित ने अपने व स्वजन के नाम से 15 अतिरिक्त बैंक खाते खोले।

इन खातों का उपयोग 51,19,26,982 रुपये के लेनदेन के लिए किया गया था। हाई कोर्ट से जमानत याचिका खारिज हाेने के बाद पंजाब के जीरकपुर का रहने वाला आरोपित विजय कुमार जुनेजा अब भूमिगत हो गया है।

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