Himachal News: चौहारघाटी के तीन गांवों में बाढ़ का कहर, सवा महीने से ग्रामीणों का जीवन हुआ अस्त-व्यस्त
चौहारघाटी में आई बाढ़ से तीन गांवों का जनजीवन अभी भी अस्त-व्यस्त है। सड़कें बह जाने से किसानों की फसलें सड़ रही हैं। पूर्व विधायक जवाहर ठाकुर ने दौरा कर सरकार से सहायता की मांग की है। कई स्थानों पर नई सड़क बनाने में समय लग रहा है। ऐसे में किसानों की आलू और गोभी सहित अन्य फसलें मार्केट तक न पहुंचने से सड़ने की कगार पर हैं।
संवाद, सहयोगी, पद्धर। चौहारघाटी की तरस्वाण पंचायत में आपदा के सवा माह बाद भी स्थिति सामान्य नहीं हो पाई है। यहां जनजीवन अभी पूरी तरह से अस्त व्यस्त है। इससे ग्रामीण परेशान हैं।
हालांकि धरमेहड़-तरसवाण-गढ़ गांव सड़क को बहाल करने के लिए लोक निर्माण विभाग ने पोकलेन यहां लगाई है। कई स्थानों पर नई सड़क बनाने में समय लग रहा है। ऐसे में किसानों की आलू और गोभी सहित अन्य फसलें मार्केट तक न पहुंचने से सड़ने की कगार पर हैं।
31 जुलाई रात को चौहारघाटी के राजबन के साथ तरस्वाण पंचायत के समालंग, द्रगड़ और गढ़गांव में भी भारी वर्षा से करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ था। पहाड़ी में बादल फटने बाद गढ़गांव खड्ड और रुलंग नाले ने कहर बरपाया था। दो रिहायशी मकान, एक पुल, तीन फुटब्रिज, एक आरा मशीन, एक घराट, दो गोशाला और दो कार पानी के तेज बहाव में बह गई थी। दो किलोमीटर के करीब सड़क का नामोनिशान मिट गया था। सड़क बंद होने के कारण ग्रामीणों के 18 छोटे वाहन गांव में फंसे हुए हैं। आने-जाने के सभी रास्ते बंद हैं। खड्ड नालों के सभी फुटब्रिज बह चुके हैं। ग्रामीणों ने अपने दम पर रास्ते बना पैदल आवाजाही बहाल की है।
पूर्व विधायक जवाहर ठाकुर भी सोमवार देर शाम को ग्रामीणों का कुशलक्षेम जानने और घटना में हुए नुकसान का जायजा लेने द्रगड़, गढ़ व समालंग पहुंचे। उन्होंने पीड़ित परिवारों की हरसंभव सहायता करने की मांग प्रदेश सरकार से उठाई। वहीं गांव की सड़क के पुनर्निर्माण को लेकर राहत कार्य में तेजी लाने की भी मांग की।
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