Mandi News: जुकैण नाला के किनारे न करें भवन निर्माण, GSI ने भूस्खलन रोकने के लिए दिए ये निर्देश; तबाही में हुआ था भारी नुकसान
Mandi News GSI ने जुकैण नाला के किनारे भवन निर्माण न करने के निर्देश दिए हैं। मंडी जिला प्रशासन को सौंपी करीब 110 पन्नों की रिपोर्ट में जीएसआइ के विशेषज्ञों ने भविष्य में जुकैण में जानमाल का कोई नुकसान हो इसको लेकर कई सुझाव दिए हैं। जुकैण नाले में भू कटाव रोकने के लिए तटीकरण व जैव प्रौद्योगिकी आधारित पौधारोपण करने की सलाह दी है।
By Jagran NewsEdited By: Himani SharmaUpdated: Sun, 03 Dec 2023 10:59 AM (IST)
जागरण संवाददाता, मंडी। भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआइ) ने सरकाघाट विधानसभा क्षेत्र के जुकैण नाला के किनारे भवन निर्माण न करने के निर्देश दिए हैं। बादल फटने से अगस्त में जुकैण गांव में भारी नुकसान हुआ था। कई घर जमींदोज हो गए थे। प्रदेश सरकार के निर्देश पर जीएसआइ ने यहां भूस्खलन व भूधंसाव से उपजी स्थिति का विस्तृत अध्ययन किया था।
मंडी जिला प्रशासन को सौंपी करीब 110 पन्नों की रिपोर्ट में जीएसआइ के विशेषज्ञों ने भविष्य में जुकैण में जानमाल का कोई नुकसान हो इसको लेकर कई सुझाव दिए हैं। जुकैण नाले में भू कटाव रोकने के लिए तटीकरण व जैव प्रौद्योगिकी आधारित पौधारोपण करने की सलाह दी है। गांव को बचाने के लिए ग्राउंड स्तर पर रिटेनिंग वाल व सड़क किनारे लगाई जाने वाली रिटेनिंग वाल में पानी निकासी के लिए जगह जगह छेद छोड़ने को कहा गया है।
निर्माण कार्य करने से बचने की दी सलाह
दरारों को भरने के लिए शीघ्र उचित कदम उठाने, ढलानों पर किसी प्रकार का निर्माण कार्य करने से बचने की सलाह दी है। इसी उपमंडल के टटीह गांव में हुए भूस्खलन से भविष्य में कोई बड़ा नुकसान न हो। भूस्खलन वाले क्षेत्र में पानी का प्रवेश रोकने के लिए निकासी की उचित व्यवस्था करने को कहा गया है। यहां भी पौधारोपण के अलावा दरारों को उचित सामग्री से भरने तथा क्षतिग्रस्त घरों को रेट्रोफिटिंग तकनीक से मजबूत करने की सलाह दी गई है।यह भी पढ़ें: Mandi News: GSI की दो टूक, टारना की पहाड़ी पर हो BIS स्तर का निर्माण; दरकी चट्टानों को हाथ से हटाने के निर्देश
नरेरा में लगाए कंक्रीट रिटेनिंग वॉल
जीएसआइ विशेषज्ञों ने धर्मपुर विधानसभा क्षेत्र के मंडप के नरेरा गांव में हुए भूस्खलन से भविष्य में कोई बड़ी तबाही न हो उसे रोकने के लिए सड़क किनारे कंक्रीट की रिटेनिंग वॉल लगाने का सुझाव दिया है। सड़क पर जगह जगह कलवर्ट बना वहां से मलबे की निकासी की व्यवस्था व भूस्खलन सुरक्षा को लेकर जागरूकता अभियान शुरू करने को कहा गया है। यहां भी प्राकृतिक आपदा से अगस्त में भारी तबाही हुई थी।रियूर में सड़क तब सभी चट्टानें हटाने के निर्देश
धर्मपुर विधानसभा के रियूर में बरसात में भारी नुकसान हुआ था। यहां भूस्खलन होने से पूरा गांव खतरे में पड़ चुका है। जीएसआइ के विशेषज्ञों ने भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र से ढीली पकड़ वाली सभी चट्टानों को सड़क स्तर पर हटाने के निर्देश दिए हैं। पहाड़ी से शिखर से पानी का रिसाव रोकने के लिए कारगर कदम उठाने व दरारें शीघ्र भरने की सलाह दी है।
यह भी पढ़ें: Mandi: कुल्लू से मनाली के बीच वाम तट पर बनेगा डबल लेन मार्ग, अलाइनमेंट तय करने के लिए NHAI ने की हितधारकों के साथ बैठक
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।फगवाओं में सेंसर स्थापित करने का सुझाव
सुंदरनगर उपमंडल के फगवाओं में जमीन में होने वाली हलचल पर नजर रखने के लिए सेंसर लगाने का सुझाव दिया गया है। दरारों को भरने के अलावा गांव के क्षतिग्रस्त घरों को रेट्रोफिटिंग तकनीक से जोड़ने के निर्देश दिए हैं। यहां भी लोगों को नए भवन निर्माण से बचने की सलाह दी गई है।जीएसआइ के विशेषज्ञों ने जो सुझाव दिए हैं। उन सभी पर गंभीरता से काम हो रहा है। विभिन्न विभागों को निर्देश जारी कर दिए गए हैं। -अरिंदम चौधरी,उपायुक्त मंडी