Drang Election 2022 Voting: द्रंग में पांच बजे तक 66 प्रतिशत मतदान, 11वीं बार चुनावी रण में हैं कौल सिंह
Voting Drang Himachal Election 2022 हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए शाम पांच बजे तक मतदान हुआ। जिला मंडी में सराज के अलावा द्रंग भी हाट सीट है। यहां प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कौल सिंह ठाकुर 11वीं बार चुनावी रण में हैं। शाम पांच बजे तक 66 प्रतिशत वोटिंग हुई।
मंडी, जागरण संवाददाता। Voting Drang, Himachal Election 2022, हिमाचल प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कौल सिंह ठाकुर 11वीं बार चुनावी रण में हैं। इस बार उनका सीधा मुकाबला भाजपा प्रत्याशी पूर्ण चंद ठाकुर से है। पिछली बार भी जवाहर ठाकुर ने उनकी पीठ लगाई थी। उन्हें 6541 मतों से हार का सामना करना पड़ा था। मतदान प्रक्रिया शुरू हो गई है। कौल सिंह ठाकुर ने अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत 1977 के विधानसभा चुनाव से की थी। उन्होंने जगजीवन राम की कांग्रेस फार डेमोक्रेसी (सीएफडी) पार्टी से पहला चुनाव द्रंग विधानसभा क्षेत्र से लड़ा था। सीएफडी जनता पार्टी का सहयोगी दल था। पहले ही चुनाव में वह जीतकर विधानसभा पहुंचे थे। उस चुनाव में छह प्रत्याशी मैदान में थे। उनका मुकाबला निर्दलीय दीनानाथ गौतम से हुआ था। कांग्रेस प्रत्याशी तीसरे स्थान पर रहा था। कौल सिंह को 44.92 व निर्दलीय प्रत्याशी दीनानाथ गौतम को 41.30 प्रतिशत मत मिले थे।
- द्रग हलके में शाम पांच बजे तक 66 प्रतिशत मतदान रिकार्ड किया गया है।
- द्रंग विधानसभा क्षेत्र में तीन बजे तक 62.50 प्रतिशत मतदान हुआ।
- द्रंग में एक बजे तक 43% वोटिंग हुई। धूप खिलने के साथ पोलिंग ने रफ्तार पकड़ी है।
- द्रंग विधानसभा क्षेत्र में सुबह नौ बजे तक 6.30% मतदान हुआ।
मुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदार
एक बार विधानसभा अध्यक्ष व दो बार प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष रहे हैं। प्रदेश के किसी नेता ने विधानसभा के 11 चुनाव नहीं लड़े हैं। 2017 के चुनाव में भाजपा के जवाहर ठाकुर को 47.14 व कौल सिंह को 37.14 प्रतिशत मत मिले थे। कांग्रेस पार्टी का अगर जनता का समर्थन मिलता है तो कौल सिंह ठाकुर वरिष्ठता के लिहाज से मुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदार होंगे।
1982 में शुरू किया राजनीतिक सफर
1982 के चुनाव से पहले वह कांग्रेस में शामिल हो गए थे। कांग्रेस में रहकर अपने राजनीतिक सफर को उन्होंने आगे बढ़ाया। द्रंग की जनता ने उन्हें आठ बार विधायक चुना। 1990 व 2017 में भाजपा की लहर में वह अपनी सीट नहीं बचा पाए। 1990 के चुनाव में भाजपा के दीनानाथ शास्त्री ने शिकस्त दी थी। दीनानाथ शास्त्री को 53.72 व कौल सिंह को 44.44 प्रतिशत मत मिले थे। करीब 33 माह बाद हुए चुनाव में कौल सिंह ठाकुर ने दीनानाथ शास्त्री को पराजित किया था। वह वीरभद्र सरकार में जलशक्ति, स्वास्थ्य, कानून मंत्री रहे।