छात्रवृत्ति घोटाले में ED का बड़ा एक्शन: हिमाचल, पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ में दी दबिश, खंगाला रिकॉर्ड
हिमाचल प्रदेश के करोड़ों रुपये के छात्रवृत्ति घोटाले में सीबीआई के बाद ईडी ने कार्रवाई की है। ईडी ने हिमाचल पंजाब व हरियाणा के कई शिक्षण संस्थानों में दबिश देकर छात्रवृत्ति से संबंधित रिकॉर्ड खंगाला। टीम ने छात्रवृत्ति घोटाले में संलिप्त रहे शिक्षा निदेशालय के अधिकारियों व कर्मचारियों से पूछताछ की। अब तक हुई जांच में पता चला है कि 2000 से ज्यादा छात्रों की छात्रवृत्ति हड़प ली थी।
By hans raj sainiEdited By: Rajat MouryaUpdated: Tue, 29 Aug 2023 09:09 PM (IST)
मंडी, जागरण संवाददाता। ED Raids हिमाचल प्रदेश में 250 करोड़ रुपये के छात्रवृत्ति घोटाले में सीबीआई के बाद अब प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने भी कार्रवाई की है। ईडी ने घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग की आशंका को देखते हुए मंगलवार को हिमाचल, पंजाब, हरियाणा व चंडीगढ़ के कई शिक्षण संस्थानों में दबिश देकर छात्रवृत्ति से संबंधित रिकॉर्ड खंगाला। सीबीआई इस मामले में अब तक शिक्षा विभाग के अधिकारियों समेत 10 आरोपितों को गिरफ्तार कर चुकी है।
घोटाले को लेकर सीबीआई तीन चार्जशीट कोर्ट में दाखिल कर चुकी है। ईडी की टीम ने सुबह सात बजे हिमाचल के शिमला, सोलन, ऊना व मंडी जिले के निजी संस्थानों में एक साथ दबिश दी। दबिश से पहले स्थानीय पुलिस को सुरक्षा उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए। पुलिस सुरक्षा मिलने के बाद अधिकारियों ने रिकॉर्ड खंगालना शुरू किया। देर शाम तक जांच जारी रही।
अधिकारियों और कर्मचारियों से पूछताछ
टीम ने छात्रवृत्ति घोटाले (Himachal Scholarship Scam) में संलिप्त रहे शिक्षा निदेशालय के अधिकारियों व कर्मचारियों से पूछताछ की। अब तक हुई जांच में पता चला है कि 13 से ज्यादा संस्थाओं ने 2000 से ज्यादा छात्रों की छात्रवृत्ति हड़प ली थी। सीबीआई जांच के दायरे में 266 प्राइवेट संस्थान लिए गए थे, जिनमें से 28 फर्जीवाड़े में शामिल मिले। 2013 में वीरभद्र सरकार में हुआ यह घोटाला पूर्व भाजपा सरकार के समय सामने आया था। अन्य पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति वर्ग के मेधावी विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति का पैसा मिला ही नहीं था। कई संस्थानों से ईडी ने रिकॉर्ड अपने कब्जे में लिया है।क्या है मामला
2013 से 17 तक प्री और पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति के तौर पर विद्यार्थियों को 266.32 करोड़ रुपये दिए गए। इनमें गड़बड़ी पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति में हुई है। आरोप है कि कई संस्थानों ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर छात्रवृत्ति की मोटी राशि हड़प ली। जनजातीय क्षेत्रों के विद्यार्थियों को कई साल तक छात्रवृत्ति ही नहीं मिल पाई। छात्रवृत्ति की जो राशि प्रदेश के विद्यार्थियों को मिलनी थी, उसे देशभर के अलग-अलग क्षेत्रों में गलत तरीके से बांटा गया।
थाना छोटा शिमला में 16 नवंबर, 2018 में शिक्षा विभाग की शिकायत पर पुलिस ने एफआइआर दर्ज की थी। फिर मामला सीबीआइ को दे दिया गया। सीबीआइ ने सात मई, 2019 को एफआइआर दर्ज की। घोटाले के रहस्योद्घाटन के बाद मनी लांड्रिंग के तहत कार्रवाई के लिए मामला ईडी को भेजा गया। अब ईडी ने तीन राज्यों व एक केंद्र शासित प्रदेश में दबिश दी है।
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