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Himachal News: 'जंगल की ओर नहीं भागता तो जान से मार देते...', जोगेंद्रनगर लूटपाट मामले में पूर्व सैनिक ने सुनाई आपबीती

हिमाचल प्रदेश के जोगेंद्रनगर में हुई लूटपाट की घटना के बाद हादसे का शिकार हुए पूर्व सैनिक ने आपबीती सुनाई है। उन्‍होंने बताया कि कैसे आरोपियों ने छात्रा को कार से घसीटा साथ ही उसके साथ लूटपाट की। पूर्व सैनिक ने कहा कि उन्‍होंने जैसे-तैसे अपनी जान बचाई है। अगर वह नहीं भागते तो आरोपी उनको जान से मार देते।

By Jagran News Edited By: Himani Sharma Updated: Thu, 25 Jul 2024 11:57 AM (IST)
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जोगेंद्रनगर में हुई घटना पर पूर्व सैनिक का छलका दर्द
जागरण संवाददाता, मंडी। मंडी के जोग्रेंद्रनगर में दिनदहाड़े हुई घटना के बाद से हर कोई दहशत में हैं। पंजाब के तीन युवकों ने दिनदहाड़े ऐहजू में एक कॉलेज की छात्रा लूटपाट की थी। साथ ही जोगेंद्रनगर शहर के साईं बाजार में स्कूटी सवार महिला का पर्स छीनने और पुलिस जवान को कुचलने का प्रयास किया था।

पूर्व सैनिक भी हुए थे हादसे का शिकार 

कांगड़ा जिले के पालमपुर उपमंडल के लाहला के पूर्व सैनिक ओंकार चंद ने "दैनिक जागरण" को 19 जुलाई की घटना की आपबीती सुनाई। उन्‍होंने कहा कि अगर मैं जंगल की ओर नहीं भागता तो तीनों आरोपित मुझे जान से मार देते। तीनों नशे में थे।

वे जंगल की पगडंडियों में बड़ी देर तक मेरा पीछा नहीं कर पाए। रास्ते में गिर गए। इससे मेरी जान बच गई। हालांकि मैंने भागते समय शोर भी मचाया। जंगल की ओर जाने वाले रास्ते के आसपास कुछ घर भी थे, लेकिन कोई मदद के लिए सामने नहीं आया।

छात्रा को कार से घसीटा था

पड़ोसी राज्य पंजाब के आरोपितों 20 वर्षीय अर्पित सिंह, 22 वर्षीय सनमप्रीत सिंह व 24 वर्षीय कुलविंद्र ने इसके बाद मंडी जिले के ऐहजू में सड़क किनारे खड़ी छात्रा से छीना-झपटी की थी। कार से छात्रा को घसीटते हुए 20 मीटर तक ले गए थे।

सड़क के बीच खड़ी की थी कार

ओंकार चंद ने बताया कि 19 जुलाई सुबह घर से स्कूटी की सर्विस करवाने ठाकुरद्वारा गया था। इसके बाद पालमपुर आया। यहां एलआइसी के कार्यालय में बीमा पॉलिसी की किस्त जमा करवानी थी। दोपहर बाद सवा एक बजे एलआइसी कार्यालय पहुंचा तो वहां लंच का समय हो गया था।

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किस्त जमा करवाए बिना ही घर के लिए निकल गया। स्कूटी पर मैंझा मार्ग से होते हुए न्यूगल खड्ड पुल के पास पहुंचा। वहां से गांव को जाने वाले संपर्क मार्ग की ओर जाने लगा तो थोड़ी दूर सड़क के बीचोंबीच सफेद रंग की स्विफ्ट कार खड़ी थी। इस पर नंबर प्लेट भी नहीं लगी थी।

मदद के लिए रोकी थी स्‍कूटी

कार के दोनों ओर बाइक व स्कूटी निकलने जितना रास्ता बचा था। एक तरफ लाल रंग की टीशर्ट पहने व दूसरी ओर दो आरोपित खड़े थे। लाल रंग की टीशर्ट पहने आरोपित ने स्कूटी रोकने का इशारा किया। ओंकार चंद ने बताया कि वह स्कूटी बंद कर खड़ा हो गया।

लाल टीशर्ट वाले आरोपित ने स्कूटी व जेब का सारा सामान देने को कहा। पहले तो वह यही सोच कर रुका था कि तीनों रास्ता भटक गए होंगे। मदद के लिए खड़े होंगे, लेकिन जब मोबाइल फोन और 600 रुपये की नकद छीनी तो वह आरोपितों के मंसूबे भांप गया।

कड़े से सिर पर किए थे वार

पैंट की तलाशी देने से मना किया तो लाल टीशर्ट वाले आरोपित ने कड़े से सिर पर पांच-छह वार कर दिए। जान खतरे में पड़ी देख जंगल की ओर भागना उचित समझा। कुछ समय बाद एक लड़का-लड़की आए उन्हें पूरे मामले से अवगत करवाया। उन्होंने मोबाइल फोन से कॉल कर पालमपुर पुलिस को सूचित किया। इसके बाद डरा-सहमा घर चला गया। चेहरा उतरा देख स्वजन परेशान हो गए उन्हें आपबीती बताई तो अगले दिन उपप्रधान के साथ पालमपुर थाना जाकर शिकायत दर्ज करवाई।

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ओंकार चंद ने बताया कि उसकी पैंट की जेब में 6000 रुपये थे। वह आरोपितों की नजर से बच गए अन्यथा उन्हें भी छीन लेते। पालमपुर पुलिस ने स्थल निरीक्षण कर लिया है। अब आरोपितों की शिनाख्त परेड करवाई जाएगी। ओंकार चंद का कहना है कि वह तीनों आरोपितों को 100 नहीं बल्कि 200 प्रतिशत पहचानते हैं।

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