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Mandi: सोलर प्रोजेक्‍ट लगाने के नाम पर करोड़ों की ठगी, बिजली बोर्ड का पूर्व MD सहित बेटा और दोस्‍त भी शामिल; केस दर्ज

Mandi News हिमाचल प्रदेश के मंडी में सोलर प्रोजेक्‍ट लगाने के नाम पर करोड़ों की धोखाधड़ी कर ली गई। धोखाधड़ी में आरोपित का बेटा व दोस्त भी शामिल हैं। तीनों के विरुद्ध थाना सदर में धोखाधड़ी व साजिश रचने का मामला दर्ज हुआ है। पूर्व प्रबंध निदेशक प्रीतम सिंह खुराना सुनोमैटिक पावर प्राइवेट लिमिटेड कंपनी का चेयरमैन एवं संस्थापक है।

By Jagran NewsEdited By: Himani SharmaUpdated: Sat, 11 Nov 2023 08:08 AM (IST)
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सोलर प्रोजेक्‍ट लगाने के नाम पर करोड़ों की ठगी
जागरण संवाददाता, मंडी। हिमाचल प्रदेश बिजली बोर्ड के पूर्व प्रबंध निदेशक (एमडी) ने सोलर प्रोजेक्ट लगाने के नाम पर मंडी के एक उद्योगपति से 8.37 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की है। धोखाधड़ी में आरोपित का बेटा व दोस्त भी शामिल हैं। तीनों के विरुद्ध थाना सदर में धोखाधड़ी व साजिश रचने का मामला दर्ज हुआ है।

गौतम बुद्धनगर जिले के सेक्टर 29 नोएडा का है रहने वाला

पूर्व प्रबंध निदेशक प्रीतम सिंह खुराना सुनोमैटिक पावर प्राइवेट लिमिटेड कंपनी का चेयरमैन एवं संस्थापक है। वह उत्तर प्रदेश के गौतम बुद्धनगर जिले के सेक्टर 29 नोएडा का रहने वाला है। उसका बेटा इंद्रप्रीत सिंह खुराना व बल्ह हलके के सिंहन का रहने वाला दीपक उक्त कंपनी के निदेशक हैं।

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कंपनी का मुख्यालय गागल में था। तीनों ने मंडी की आरडी पावर कंपनी के मालिक आरपी कपूर के साथ सरकाघाट उपमंडल के बलद्वाड़ा में 2.189 मेगावाट क्षमता का सोलर प्रोजेक्ट लगाने के लिए 29अगस्त 2021 को करार किया था।

पहले से एक दूसरे से परिचित थे

प्रोजेक्ट की कुल अनुमानित लागत 8.67 करोड़ रुपये तय हुई थी। आरोपित प्रीतम सिंह खुराना व उद्योगपति आरपी कपूर पहले से एक दूसरे से परिचित थे। सुनोमैटिक पावर प्राइवेट लिमिटेड को 31 मार्च 2022 को प्रोजेक्ट तैयार कर आरडी कंपनी को सौंपना था। कंपनी की ओर से आरोपितों को 8.37 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है। साइट पर मात्र एक करोड़ रुपये का काम हुआ है।

50 से अधिक सोलर प्रोजेक्ट बनाने की बात कही

तीनों आरोपितों ने हिमाचल में 50 से अधिक सोलर प्रोजेक्ट बनाने की बात कही थी। वह भी झूठी पाई गई। सुनोमैटिक पावर प्राइवेट लिमिटेड कंपनी 17 फरवरी 2022 को ब्लैकलिस्ट हो चुकी इसकी जानकारी भी छिपाई गई। इसके बाद आरोपितों ने हिमद्वीप न्यूजेन सोल्यूशन के नाम से नई कंपनी बना ली। करार के अनुसार प्रोजेक्ट में अडानी कंपनी के सोलर पैनल व अन्य सामान लगाने की बात हुई थी।

सीमा शुल्क विभाग के कब्जे में

आरोपितों ने चीन से घटिया पैनल मंगवाए। जो सीमा शुल्क विभाग के कब्जे में है। वहां भी आरोपितों ने कर की चोरी की है। तय अवधि में प्रोजेक्ट पूरा न होने से आरडी पावर को करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है।

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बार-बार पत्राचार करने के बाद भी आरोपित प्रोजेक्ट का काम पूरा करने के लिए कभी मौसम प्रतिकूल होने तथा कभी सड़क खराब होने का बहाना बनाते रहे। अब आरोपित मामला रद करवाने के लिए हाई कोर्ट पहुंच गए। हाइकोर्ट में इस मामले पर 23 नवंबर को सुनवाई होगी।

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