Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

Mandi News: GSI की दो टूक, टारना की पहाड़ी पर हो BIS स्तर का निर्माण; दरकी चट्टानों को हाथ से हटाने के निर्देश

Mandi News टारना की पहाड़ी को बचाने के भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआइ) के विशेषज्ञों ने भविष्य में भारतीय मानक ब्यूरो (बीआइएस) स्तर का निर्माण कार्य करने के निर्देश दिए हैं। जीएसआइ के विशेषज्ञों ने सरकार के निर्देश पर टारना की पहाड़ी का विस्तृत अध्ययन किया था। विशेषज्ञों ने भूस्खलन के लिए पहाड़ी की चोटी से होने वाले पानी के रिसाव को प्रमुख कारण बताया है।

By Jagran NewsEdited By: Himani SharmaUpdated: Sat, 02 Dec 2023 09:30 AM (IST)
Hero Image
टारना की पहाड़ी पर हो BIS स्तर का निर्माण

जागरण संवाददाता, मंडी। मंडी शहर की टारना की पहाड़ी को बचाने के भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआइ) के विशेषज्ञों ने भविष्य में भारतीय मानक ब्यूरो (बीआइएस) स्तर का निर्माण कार्य करने के निर्देश दिए हैं। विशेषज्ञों ने चेताया है कि अगर बीआइएस का पालन नहीं किया गया तो पहाड़ी को बचाना असंभव हो जाएगा। होटल कोयल के पास दरकी पहाड़ी की ढलानों पर अटकी चट्टानों को मशीनों के बजाय हाथ से हटाने की सिफारिश की है।

जीएसआइ के विशेषज्ञों ने सरकार के निर्देश पर टारना की पहाड़ी का विस्तृत अध्ययन किया था। विशेषज्ञों ने भूस्खलन के लिए पहाड़ी की चोटी से होने वाले पानी के रिसाव को प्रमुख कारण बताया है।

यह भी पढ़ें: Mandi: कुल्लू से मनाली के बीच वाम तट पर बनेगा डबल लेन मार्ग, अलाइनमेंट तय करने के लिए NHAI ने की हितधारकों के साथ बैठक

भविष्य में यहां दोबारा भूस्खलन न हो इसके लिए वर्षा व सतही जल की निकासी की चोटी पर ही उचित व्यवस्था करने को कहा है। करीब एक करोड़ की लागत से लगाई जाने वाली रिटेनिंग वाल में पानी निकासी के लिए मानकों के तहत छेद रखने के निर्देश दिए हैं ताकि रिटेनिंग वाल के अंदर जल भंडारण न हो।

पहाड़ी की मजबूती के लिए करें जियो जूट का प्रयोग

सर्किट हाउस के समीप क्षतिग्रस्त भवनों का मलबा शीघ्र ढलान से हटाने व यहां पहाड़ी की चोटी पर आई दरारों को भू तकनीक से सील करने की बात कही है। पहाड़ी की मजबूती के लिए जियो जूट का प्रयोग व लोगों को ढलानों की अवैज्ञानिक तरीके से कटाई के बारे में जागरूक करने के निर्देश दिए हैं।

न्यायाधीश आवास के पास लगेगी रिटेनिंग वाल

जीएसआइ के विशेषज्ञों ने टारना स्थित न्यायाधीश आवास को बचाने के लिए डिजाइन इंजीनियर से परामर्श कर रिटेनिंग वाल लगाने की सिफारिश की है। यहां तनाव वाली कई दरारें देखी गई हैं। उन्हें मिट्टी से भरने व मलबा भविष्य में न दरके इसके लिए जियो टेक्सटाइल तरीके से उसे मजबूत करने को कहा गया है।

जलशक्ति विभाग के भवन को बचाने के लिए ताप रोधक सतह बनानी होगी

बरसात के दौरान जलशक्ति विभाग के कार्यालय भवन में दरारें आ गई थी। संभावित खतरे को देख प्रशासन ने भवन से सभी कार्यालय खाली करवा दिए थे। विशेषज्ञों ने भवन के स्लैब पर ताप रोधक सतह बनाने के निर्देश दिए हैं ताकि स्लैब यानी छत की गर्मी अंदर प्रवेश न कर सके।

यह भी पढ़ें: Mandi News: NHAI के हाथ लगी सफलता, कैंची मोड़ में साढ़े तीन महीने बाद डबल लेन मार्ग तैयार; सुरक्षित हुआ RTDC का भवन

भवन का पूरा क्षेत्र सिल्टी मिट्टी वाला है। इसकी वजह से वजन सहन नहीं कर पा रहा है। भविष्य में यहां हल्के वजन वाले भवन बनाने की सिफारिश की गई है। भवन की नींव में सतही व वर्षा का पानी न जाए इसे रोकने के लिए कारगर कदम उठाने को कहा गया है।

जीएसआइ के विशेषज्ञों ने रिपोर्ट में जो सुझाव दिए है। उन सभी पर काम होगा। संबंधित विभागों के अधिकारियों को निर्देश जारी कर दिए गए हैं। -अरिंदम चौधरी,उपायुक्त मंडी

आपके शहर की तथ्यपूर्ण खबरें अब आपके मोबाइल पर