Mandi: क्रिप्टो करेंसी धोखाधड़ी मामले में HC ने सुनी दोनों पक्षों की दलीलें, आरोपितों की जमानत पर अब 27 फरवरी को होगी सुनवाई
Mandi Crypto Currency Case हिमाचल प्रदेश के मंडी में क्रिप्टो करेंसी धोखाधड़ी मामले में आरोपितों की जमानत याचिका पर प्रदेश हाई कोर्ट अब 27 फरवरी को अपना निर्णय सुनाएगा। वीरवार को आरोपितों की याचिका पर सुनवाई हुई। न्यायमूर्ति सुशील कुकरेजा के न्यायालय ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अपना निर्णय सुरक्षित रखा है। निचली अदालत सभी आरोपितों की जमानत याचिका रद कर चुकी है।
जागरण संवाददाता, मंडी। क्रिप्टो करेंसी धोखाधड़ी (Crypto Currency Fraud Case) के 11 आरोपितों की जमानत याचिका पर प्रदेश हाई कोर्ट अब 27 फरवरी को अपना निर्णय सुनाएगा। गुरुवार को आरोपितों की याचिका पर सुनवाई हुई। न्यायमूर्ति सुशील कुकरेजा के न्यायालय ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अपना निर्णय सुरक्षित रखा है। निचली अदालत सभी आरोपितों की जमानत याचिका रद कर चुकी है।
अक्टूबर से आरोपित न्यायिक हिरासत में हैं
करीब 2500 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की जांच कर रही पुलिस के विशेष जांच दल (एसआइटी) ने सभी आरोपितों को अक्टूबर में गिरफ्तार किया था। तब से आरोपित न्यायिक हिरासत में चल रहे हैं। मुख्य आरोपित मंडी का रहने वाला सुभाष शर्मा अपने स्वजन के साथ दुबई भाग गया है। एसआइटी आरोपित की 50 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति जब्त कर चुकी है।
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एसआइटी ने किया था गिरफ्तार
क्रिप्टो करेंसी में निवेश के लिए लोगों को उकसा कर एक से दो करोड़ रुपये कमाने वाले रामकुमार,गोविंद गोस्वामी,दिग्विजेंद्र सिंह,परस राम,संजय कुमार,ज्योति देवी,राधिका शर्मा,कृष्ण दत्त,सुनील कुमार,नरेश कुमार व बलवीर सिंह को एसआइटी ने गिरफ्तार किया था। राधिका शर्मा हरियाणा के सेक्टर 23 पंचकुला व अन्य आरोपित मंडी,कांगड़ा, हमीरपुर जिले के रहने वाले हैं।
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फर्जी सॉफ्टवेयर बना लगाया लोगों को चूना
मुख्य आरोपित सुभाष शर्मा ने फर्जी सॉफ्टवेयर बना लोगों को चूना लगाया है। उसने 10 से अधिक मुखौटा कंपनियों में निवेशकों का पैसा निवेश किया हुआ है। एसआइटी ने सभी कंपनियों का रिकॉर्ड कब्जे में लिया है।
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