Himachal Disaster: 'कुछ गिरने की आवाज आई और 20 मिनट में सब..., तबाही में अपनों को खो चुके मोहन की आपबीती
Himachal Disaster तबाही ने कई परिवार को उजाड़ दिया। किसी की मां तो किसी के पिता खो गए। माता-पिता के आंखों के सामने बच्चे बह गए। मोहन सिंह आपदा में अपनी मां को खो चुके। साथ ही उन्होंने अपने पड़ोसी राम सिंह के लिए कुछ नहीं कर सका। देखते ही देखते उनकी आंखों के सामने उनका पूरा परिवार बह गया। किसी को नहीं बचा पाए।
जागरण संवाददाता, मंडी। बुधवार रात करीब 11:15 बजे थे, आंगन में कुछ गिरने की आवाज सुनाई दी। देखा तो पानी के साथ पत्थर बहकर आ रहे थे। 20 मिनट में ही पता नहीं चला क्या हुआ। छत तोड़ी और पहले पत्नी 60 वर्षीय प्रगढ़ी देवी, फिर बेटे 21 वर्षीय राकेश को निकालने के बाद खुद बाहर निकला। मां चैत्री देवी को नहीं बचा पाया।
साथ के घर में फंसे राम सिंह के चिल्लाने की आवाज सुनी तो उसे खींचकर बाहर निकाला। वह बुरी तरह से घायल था। इसके बाद भारी वर्षा में बैठकर तबाही का मंजर देखा। करीब एक घंटे की वर्षा ने खूब तबाही मचाई। एक घंटे में तीन घरों को पानी बहाकर ले गया।
नहीं बचा सका मां को
गांव के साथ नाले पर 50 मीटर दूर स्थित खंबर नामक जगह पर बादल फटा था। मैंने मलबा देखा तो कुछ समझ नहीं आया। बेटे को उठाया, उसने बताया कि बाहर जाने के लिए रास्ता नहीं है। बाहर पत्थर और पेड़ थे। छत को हाथ से तोड़ा और वहीं से बेटे व पत्नी को बाहर निकाला। इस दौरान छत से लकड़ी मेरे सिर पर गिरी। फिर भी मां को उठाने की कोशिश की, लेकिन वह नहीं उठी। फिर जैसे-तैसे बाहर निकला।पूरी रात देखा तबाही का मंजर
साथ लगते घर में राम सिंह चिल्ला रहा था। वह पेट से ऊपर तक मलबे में धंसा था। मैं उसे निकाल रहा था तो सामने से एक पत्थर मुझसे टकराया और छाती में चोट लगी। इसके बाद बेटे को बुलाया और उसे मलबे से बाहर निकाला।राम सिंह का पूरा परिवार बाढ़ की चपेट में आ गया था। हम किसी को नहीं बचा पाए। इसके बाद वर्षा में ही ऊंचाई वाली जगह पर बैठे गए और वहां से तबाही का मंझर देखा। सुबह गांव के आसपास के लोग आए तो मुझे छह किलोमीटर उठाने के बाद एंबुलेंस तक पहुंचाया।
-राजबन निवासी मोहन सिंह ने जैसा दैनिक जागरण संवाददाता मुकेश मेहरा को बताया।यह भी पढ़ें- Himachal Cloud Burst: दारचा शिंकुला मार्ग पर बादल फटा, तेज बहाव से टूटे दो पुल; मनाली से जंस्कार का कटा संपर्क
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।