Lok Sabha Election: ऊबड़-खाबड़ पहाड़... कंटीले रास्ते, पर नहीं रुके पोलिंग टीम के कदम; 15 KM चलकर पहुंचे मतदान केंद्र
Himachal Lok Sabha Election 2024 हिमाचल प्रदेश में 1 जून को वोटिंग होने जा रही है। मतदान के लिए लोगों में अलग ही उत्साह नजर आ रहा है। वहीं मंडी संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत चंबा के मेहल ब्लॉक में एह्लामी मतदान केंद्र तक पहुंचने के लिए पोलिंग पार्टियों को लगभग 15 किलोमीटर पैदल चलकर आना पड़ा। पोलिंग पार्टियों के रास्ते में जंगलों में लगी आग रुकावट बन रही है।
मनोज कुमार शर्मा, धर्मशाला/मंडी। पहाड़ी प्रदेश हिमाचल में चुनाव करवाना पहाड़ जैसी चुनौती है। कई मतदान केंद्र अति दुर्गम इलाकों में होने से पोलिंग पार्टियों को वहां तक पहुंचने में काफी मशक्कत करनी पड़ती है। नदी, जंगल पार करने के साथ कच्चे रास्तों पर कई किलोमीटर पैदल चलना पड़ता है। कांगड़ा जिले के बड़ा भंगाल के मतदान केंद्र तक पहुंचने के लिए हेलीकॉप्टर का सहारा लिया जाता है।
जी-जान से डटे पोलिंग पार्टियां
पोलिंग पार्टियों में शामिल कर्मचारियों का हौसला भी पहाड़ सा होता है जो सब बाधाओं को पार कर मतदान सुनिश्चित करवाने के लिए जी-जान से डटे रहते हैं। ऐसे मतदान केंद्रों में से एक है कुल्लू जिला के बंजार उपमंडल में शामिल शाक्टी। सड़क न होने के कारण इस मतदान केंद्र में पोलिंग पार्टी 20 किलोमीटर पैदल चलकर पहुंची। मतदान केंद्र में बिजली भी नहीं है। सोलर लाइट की व्यवस्था है। यह देवभूमि हिमाचल में ही संभव है जब किसी पोलिंग पार्टी का स्वागत फूल मालाओं से किया जाता हो।
लोगों ने फूलों के हार पहनाकर किया स्वागत
शिमला जिले के रामपुर के मतदान केंद्र नन्ति में जब तीन किलोमीटर की खड़ी चढ़ाई के बाद पोलिंग पार्टी बूथ तक पहुंची तो लोगों ने फूलों के हार पहनाकर उनका स्वागत किया। दुनिया का सबसे ऊंचा मतदान केंद्र टशीगंग भी इसी देवभूमि है। शनिवार को लोकतंत्र का महापर्व है, इसलिए इन पोलिंग पार्टियों की भी इस आयोजन में अहम भूमिका रहेगी। हिमाचल में लोकसभा की चार सीटों व विधानसभा की छह सीटों पर उपचुनाव भी हो रहा है।
18 किलोमीटर का सफर किया तय
मंडी संसदीय क्षेत्र के कुल्लू जिले के शाक्टी पोलिंग बूथ तक पहुंचने के लिए पोलिंग पार्टी को 18 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ा। पोलिंग पार्टी ने बंजार से निहारनी गांव तक 41 किलोमीटर का सफर पहले छोटी गाड़ी में किया, फिर शाक्टी तक पैदल पहुंची। शाक्टी के 99 मतदाताओं में 51 पुरुष और 48 महिलाएं हैं। यहां न तो बिजली है और न ही मोबाइल नेटवर्क है। यहां पर सौर उर्जा की रोशनी से मतदान करवाया जाता है। मोबाइल फोन पर बात करने के लिए दो किलोमीटर की दूरी पैदल तय करनी पड़ेगी।
अलहमी पोलिंग बूथ तक 15 किलोमीटर का रास्ता किया तय
इसी तरह चंबा जिले तीन अति दुर्गम पोलिंग बूथ तक पोलिंग पार्टियों को पहुंचने से पहले कड़ी मशक्कत करनी पड़ती है। भरमौर विधानसभा क्षेत्र के अलहमी पोलिंग बूथ तक 15 किलोमीटर, पांगी के चस्कभटोरी बूथ तक आठ किलोमीटर व भटियात विधानसभा क्षेत्र के चक्की पोलिंग बूथ तक पहुंचने के लिए करीब 11 किलोमीटर का पैदल सफर करना पड़ा। मंडी संसदीय क्षेत्र के चंबा जिले का एक विधानसभा क्षेत्र भरमौर आता है।
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इस क्षेत्र के मैहला खंड की खुंदेल पंचायत के अलहमी पोलिंग बूथ तक पोलिंग पार्टी करीब 15 किलोमीटर का सफर कर पहुंची। समुद्रतल से करीब 10 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित इस बूथ के 132 मतदाता हैं। यहां पहुंचने के लिए पोलिंग पार्टी को बेलजेली खड्ड पर बनी स्लीपर की करीब 16 तरंगड़ियां (पुलिया) को पार करना पड़ा है। यहां तक रास्ता पगडंडीनुमा है।
मतदान कर्मियों के हौसले के आगे सभी बाधाएं दूर
कई स्थानों पर रास्ता बहुत तंग है, लेकिन मतदान कर्मियों के हौसले के आगे सभी बाधाएं दूर हो गईं। भरमौर विधानसभा का सबसे दुर्गम क्षेत्र पांगी है। पांगी के चस्क भटोरी बूथ तक पहुंचने के लिए पोलिंग पार्टी ने करीब आठ किलोमीटर का पैदल सफर तय किया। समुद्रतल से करीब 11302 फीट ऊंचे इस मतदान केंद्र में 102 मतदाता हैं।
यहां तक पहुंचने के लिए पोलिंग पार्टी ने पगडंडी व उबड़ खाबड़ रास्ते से सफर तय किया। चंबा जिले के ही भटियात के पोलिंग बूथ चक्की तक पहुंचने के लिए पोलिंग पार्टी को करीब 11 किलोमीटर का पैदल सफर तय करना पड़ा। यहां 132 मतदाता हैं। यहां मोबाइल फोन का सिग्नल न होने के कारण वायरलेस सिस्टम से ही पोलिंग पार्टी व प्रशासन के बीच संपर्क किया जा सतता है।