मायानगरी की क्वीन से आखिर कैसे हारा हिमाचल का प्रिंस, कंगना की जीत और विक्रमादित्य की हार के ये हैं बड़े कारण
Himachal Lok Sabha Election Result 2024 हिमाचल की सभी चारों लोकसभा सीटों पर भाजपा ने जीत हासिल कर ली है। ऐसे में प्रदेश की सबसे ज्यादा चर्चित मंडी सीट से कंगना रनौत (Kangana Ranaut) ने कांग्रेस के उम्मीदवार विक्रमादित्य को हरा दिया है। इसी कड़ी में हम कंगना की जीत और विक्रमादित्य की हार के प्रमुख कारणों की चर्चा करेंगे
डिजिटल डेस्क, मंडी। हिमाचल प्रदेश की सभी चारों लोकसभा सीटों से भाजपा ने जीत हासिल कर ली है। इनमें सबसे ज्यादा चर्चित मंडी सीट रही। कंगना रनौत (Kangana Ranaut) की जीत ने सभी को चौंका कर रख दिया। उन्होंने कांग्रेस के प्रत्याशी विक्रमादित्य सिंह (Vikramaditya Singh) को भारी मतों से हराया।
कंगना ने PM मोदी को दिया क्रेडिट
कंगना ने जीत को लेकर जनता का आभार प्रकट किया और पीएम मोदी को इस जीत का क्रेडिट दिया। क्योंकि कंगना ने अपने पहले चुनाव में ही जीत हासिल की है। ऐसे में यह जानना जरूरी है कि वो क्या की-फैक्टर रहे, जिनसे कंगना ने चुनाव में बेहतरीन प्रदर्शन किया। इसके साथ ही जानेंगे कि वो कौन से कारण रहे जिनसे विक्रमादित्य को हार का सामना करना पड़ा।
कंगना रनौत भले ही सियासत की दुनिया में अनुभवहीन थीं। लेकिन जयराम ठाकुर जैसे अनुभवी नेता का उन्हें जमकर साथ मिला। वह कंगना के साथ 17 विधानसभा क्षेत्रों के अधिकतर गांवों में जमकर संवाद कर पाने में सफल हो सके। जिसका परिणाम हम सभी के सामने हैं।
न केवल मंडी संसदीय सीट बल्कि हिमाचल की सभी लोकसभा सीटों पर भाजपा ने जीत हासिल की है। ऐसे में कहना गलत नहीं कि यह चुनाव पीएम मोदी के फेस पर लड़ा गया। जिसका फायदा कंगना रनौत को भी जमकर मिला।
कंगना रनौत भले ही चुनाव में नई हों। लेकिन उनके परिवार का राजनीति से जुड़ाव पहला नहीं था। कंगना के परदादा स्वर्गीय सरजू सिंह त्रिफालघाट विधानसभा क्षेत्र से विधायक रहे थे। वहीं कंगना का पैतृक घर भांबला में है। इस कारण कंगना से बाहरी नेता का टैग हट गया।
आखिर कहां चूक गए विक्रमादित्य?
मंडी संसदीय सीट पर जब उपचुनाव हुए तो विक्रमादित्य की माता प्रतिभा सिंह ने यह चुनाव जीता। वहीं अब विक्रमादित्य का चुनाव में उतरना कहीं न कहीं लोगों को खटका है।
क्योंकि सुक्खू सरकार में विक्रमादित्य लोकनिर्माण मंत्री हैं। ऐसे में सासंदी की अपेक्षा एक हार का कारण हो सकता है। कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत द्वारा कंगना पर आपत्तिजनक टिप्पणी विवाद ने भी कहीं न कहीं कंगना को ही सपोर्ट किया। क्योंकि इसके बाद कंगना व बीजेपी ने कांग्रेस को महिला सम्मान को लेकर जमकर घेरा था।यह भी पढ़ें- Himachal Politics: ...तो क्या ऑपरेशन लोटस फेल? चुनाव के बाद बदला सीटों का समीकरण, अब किसके पास कितने विधायक!
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