आश्वासन के बाद भी हिमाचल सरकार बेपरवाह, ग्रामीणों ने अपने खर्च पर बना डाला 50 फुट लंबा पुल; जान जोखिम में डाल पार करना पड़ता था नाला
हिमाचल प्रदेश (Himachal News) में पिछले साल आपदा में काफी ज्यादा नुकसान हुआ था। आपदा में मंडी जिले के सराज विधानसभा क्षेत्र में भी पुल बह गया था। सरकार ने एक साल के अंदर पुल का निर्माण कराने का वादा किया था। हालांकि सरकार के तरफ से जब एक साल बाद भी निराशा हाथ लगी तो ग्रामीणों ने अपने खर्च पर 50 फुट लंबा पुल का निर्माण कर लिया है।
गगन सिंह ठाकुर, थुनाग। हिमाचल में इस साल भी बारिश का कहर जारी है। पिछले साल हिमाचल आपदा में काफी ज्यादा नुकसान हुआ था। आपदा में कई पुल बह गए थे।
सरकार ने एक साल के अंदर पुल बनाने का वादा किया था लेकिन जब सरकार ने अपना वादा नहीं निभाया तो ग्रामीणों ने इच्छाशक्ति दिखाते हुए खुद ही पुल बना डाला है।
ग्रामीणों ने बनाया 50 फीट लंबा पुल
सराज विधानसभा क्षेत्र के ग्रामीणों ने भी कुल्लू जिले के मलाणा के लोगों की राह पकड़ ली है। सरकार से निराशा मिली तो ग्रामीणों ने इच्छाशक्ति दिखा 50 फीट लंबे लकड़ी के पुल का अपने खर्च से निर्माण कर डाला।पिछले वर्ष प्राकृतिक आपदा में तीन पुल बह गए थे। सरकार ने यहां जल्द पुल बनाने का आश्वासन दिया था। लेकिन एक वर्ष में पुल बनाने की दिशा में कोई प्रयास नहीं हुए। ग्रामीणों व स्कूली बच्चों को जान जोखिम में डालकर नाला पार करना पड़ रहा था।यह भी पढ़ें: Himachal Disaster: हिमाचल के समेज में तबाही का मंजर जारी, 5 और लापता शव मिले ; 9 दिन से इलाके में नहीं आई बिजली
स्कूली बच्चों को रही थी सबसे ज्यादा परेशानी
पुल क्षतिग्रस्त होने से सबसे अधिक परेशानी स्कूली बच्चों को हो रही थी। नाले पर एक पुल स्कूल, दूसरा पंचायत भवन व तीसरा गांव के लिए बना हुआ था। सर्दी व गर्मी में नाले में पानी कम था। विद्यार्थी आसानी से नाला पार कर लेते थे। मानसून में नाले का पानी बढ़ गया है।अभिभावकों को जान जोखिम में डालकर बच्चों को नाला पार करवा स्कूल भेजना पड़ रहा है। पिछले वर्ष की प्राकृतिक आपदा से सामुदायिक व स्कूल भवन को भारी क्षति पहुंची थी। एक वर्ष में उनकी मरम्मत भी नहीं हुई।
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