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Himachal: क्रिप्टो करंसी में करोड़ों रुपये डूबने से निवेशकों में मचा हड़कंप, मंडी-कुल्लू समेत इन जिलों में हुई ठगी

हिमाचल के मंडी कुल्लू हमीरपुर बिलासपुर समेत कई जिलों में क्रिप्टो करंसी में निवेश के नाम पर लोगों के साथ ठगी के मामले सामने आए हैं। साइबर सेल के अलावा पांचों जिलों के थानों में भी क्रिप्टो करंसी ठगी के कई मामले दर्ज हुए हैं। ठगी का शिकार हुए लोगों ने साइबर सेल थाना में 10 से अधिक आरोपितों के विरुद्ध मामला दर्ज करवाया है।

By Jagran NewsEdited By: Jeet KumarUpdated: Sun, 01 Oct 2023 03:29 PM (IST)
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दोगुना पैसे के लालच में लोगों के करोड़ों रुपये डूबे, अब पुलिस कर रही जांच

जागरण संवाददाता, मंडी: क्रिप्टो करंसी में करोड़ों रुपये डूबने से निवेशकों में अब हड़कंप मचा हुआ है। यहां आम या खास सब ने क्रिप्टो में अपने खून पसीने की गाढ़ी कमाई लुटाई है। मध्य जोन मंडी में क्रिप्टो करंसी ठगी के 50 से अधिक मामले साइबर सेल के पास पहुंच चुके हैं। इस जोन में मंडी, कुल्लू, हमीरपुर, बिलासपुर और लाहुल स्पीति जिला शामिल हैं।

साइबर सेल के अलावा पांचों जिलों के थानों में भी क्रिप्टो करंसी ठगी के कई मामले दर्ज हुए हैं। ठगी का शिकार हुए लोगों ने साइबर सेल थाना में 10 से अधिक आरोपितों के विरुद्ध मामला दर्ज करवाया है। शिकायत मिलने के बाद साइबर सेल ने आरोपितों के बैंक खाते खंगालना शुरु कर दिया है।

एक शिक्षक ने लगाया ढाई करोड़ रुपये क्रिप्टो करंसी में

क्रिप्टो के कारोबार से आरोपितों ने कितनी संपत्ति अर्जित की है। इसकी जांच की जा रही है। क्रिप्टो में पैसा लगाने वालों में कई प्रशासनिक,पुलिस व अन्य विभागों के अधिकारी भी शामिल है। कई सरकारी कर्मचारियों व कारोबारियों ने करोड़ों रुपये का निवेश किया है। शिकायतें मिलने का दौर भी थम नहीं रहा है। बल्ह हलके के लुणापानी के एक शिक्षक ने कई लोगों से करीब ढाई करोड़ रुपये क्रिप्टो करंसी में लगवाया है।

ठगी व धोखाधड़ी की कई शिकायतें सामने आने के बाद सरकार ने मामले की जांच के लिए एसआइटी का गठन किया है। मध्य जोन के जिलों में साइबर थाना मंडी की टीम जांच कर रही है। आरोपितों ने अलग अलग कंपनियों में पैसा लगाया है। पूछताछ कर कंपनियों की जानकारी जुटाई जा रही है।

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सीबीआइ के फर्जी अधिकारी ने पीआइ नेटवर्क में लगाया था ठगी का पैसा

साइबर सेल मंडी द्वारा गत दिनों पकड़े गए सीबीआइ के फर्जी अधिकारी पंकज शर्मा ने ठगी का पैसा पीआइ नेटवर्क में लगा रखा था। पूछताछ में यह बात सामने आई है। पीआइ एक क्रिप्टो माइनिंग मोबाइल एप है। इसमें पीआइ काइन को माइनिंग करके इकट्ठा किया जाता है। यानी क्रिप्टो की तरह यह एक डिजिटल करंसी है।

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आरोपित ने युवाओं को सीबीआइ में नौकरी दिलाने के नाम पर लाखों रुपये ठगा था। सारा पैसा पीआइ नेटवर्क में लगा करोड़पति बनाना चाहता था। कंप्यूटर साइंस में बीटेक आरोपित ने अपने कंप्यूटर व प्रिंटर से सीबीआइ व प्रेस के पहचान पत्र तैयार किए थे।

पहचान पत्र में कर दिया बदलाव

आरोपित ने ऑनलाइन पहचान पत्र सर्च कर डाउनलोड कर एडिट किए। दूर से पहचान पत्र देखने में नकली नहीं लगते थे। तीन दिन की रिमांड अवधि समाप्त होने पर साइबर सेल ने शनिवार को न्यायालय में पेश किया। न्यायालय से उसे सशर्त जमानत प्रदान कर दी। साइबर सेल मध्य जाेन के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मनमोहन सिंह ने इसकी पुष्टि की है।

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