Himachal News: भारी बारिश से बिगड़े हिमाचल में हालात, कीरतपुर-मनाली हाइवे पर हुआ भूस्खलन; अधर में फंसे सैकड़ों वाहन
हिमाचल में मानसून ने दस्तक दे दी है। ऐसे में प्रदेश में भूस्खलन और जलभराव की समस्याएं देखी जा रही हैं। भारी वर्षा के कारण कीरतपुर-मनाली फोरलेन पर चार मील के पास भूस्खलन हो गया। यहां बीते वर्ष अस्थायी डंगा लगाया गया था जो भारी बारिश के बाद आज ध्वस्त हो गया। वहीं अन्य जगहों पर भी हालात बिगड़े हुए हैं।
जागरण संवाददाता, मंडी। मंडी जिले में मानसून कहर बरपाने लगा है। पिछले दो दिनों में जिले के पंडोह और कटौला में 150 मिलीमीटर से अधिक वर्षा हो चुकी है।
भारी वर्षा के कारण कीरतपुर-मनाली फोरलेन पर चार मील के पास पिछले वर्ष क्रेटवाल से लगाया गया अस्थायी डंगा वीरवार दोपहर बाद पूरी तरह ध्वस्त हो गया।
डंगा गिरने से यहां मार्ग बंद होने का खतरा मंडरा गया है। फिलहाल यहां दो लेन से वाहनों की आवाजाही हो रही है। नौ मील के पास भी पहाड़ दरकना शुरू हो गया है। प्रशासन ने यहां जेसीबी तैनात कर दी है।
कैंची मोड़ में लगाई गई 300 मीटर लंबी और 31मीटर ऊंची रिटेनिंग वाल सुरक्षित
चार मील में सड़क पर से गुजर रहे थे वाहन नीचे से खिसक गया डंगा#HimachalPradesh , #Himachal_News, #HimachalPradeshNews pic.twitter.com/Ge1hGsXbx0
पंडोह कैंची मोड़ पर करीब 40 करोड़ की लागत से लगाई गई 300 मीटर लंबी और 31 मीटर ऊंची रिटेनिंग वॉल पूरी तरह सुरक्षित है। एनएचएआइ के अधिकारियों के साथ अतिरिक्त उपायुक्त रोहित राठौर और अतिरिक्त पुलिस सागर चंद्र शर्मा ने चार मील से कैंची मोड़ तक संयुक्त निरीक्षण किया।
कैंची मोड़ में तीन लेन पर यातायात चल रहा है। कैंची मोड़ में मिट्टी के भराव के कारण ऊपर की परत धंसने से सड़क में दरारें आई थीं। चार मील में कलवर्ट बंद होने से मार्ग धंसा था।
पुलघराट में स्थिति नाजुक
मंडी शहर के साथ लगते पुलघराट में स्थिति नाजुक बनी हुई है। यहां पिछले 24 घंटे में कई बार पहाड़ दरकने से मार्ग अवरुद्ध हो चुका है। प्रशासन ने यहां जेसीबी और पुलिस जवान तैनात किए हैं।
मार्ग बार बार बंद होने से वाहनों की लंबी कतार लग रही है। इससे लोगों को दिक्कत आ रही है। जिला भर में वर्षा और भूस्खलन से 52 मार्ग बाधित हैं।
पराशर झील जाने पर लगी रोक
पराशर झील को जाने वाली मुख्य सड़क बंद हो गई है। अन्य वैकल्पिक रास्ते भी बरसात के कारण खतरनाक हो गए हैं। प्रशासन ने लोगों और पर्यटकों से अनुरोध किया है कि सड़क ठीक होने तक पराशर जाने से परहेज करें।
ब्यास नदी के बहाव में लगातार उतार-चढ़ाव आ रहा है। कभी नदी का बहाव कम हो रहा है तो कभी एकदम से बढ़ जा रहा है। प्रशासन ने लोगों से नदी किनारे न जाने का आग्रह किया है।
सुकेती खड्ड में बाढ़ से करीब 500 हेक्टेयर भूमि में टमाटर की फसल तबाह
सुकेती खड्ड में वीरवार सुबह बाढ़ आने से बल्ह घाटी के मैदानी भागों में डडौर से बैहना तक करीब 500 हेक्टेयर भूमि में टमाटर की फसल पूरी तरह क्षतिग्रस्त होने से किसानों को लाखों रुपये का नुकसान हुआ है। राजस्व विभाग ने नुकसान का आकलन शुरु कर दिया है।
कैंची मोड़ पूरी तरह से सुरक्षित है। चार मील में डंगा गिरने के बाद भी यातायात के लिए दो लेन खुले हैं। यहां अस्थायी डंगा लगाया गया है। संबंधित कंपनी दोबारा अपने पैसे से डंगा लगाएगी।
-वरुण चारी, परियाेजना निदेशक,एनएचएआइ मंडी
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