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Himachal Election: जिसे मिला इस जिले के लोगों का साथ, उस दल ने पाई सत्ता, 2017 में कांग्रेस का था सूपड़ा साफ

Himachal Pradesh Assembly Election 2022 हिमाचल प्रदेश में किसकी सरकार बनेगी रिवाज बदलेगा या परंपरा कायम रहेगी हिमाचल में अब यही चर्चा हो रही है। प्रदेश की जनता के साथ दोनों प्रमुख दलों भाजपा-कांग्रेस के नेता व कार्यकर्ता भी जमा-घटाव में लगे हैं।

By hans raj sainiEdited By: Virender KumarUpdated: Mon, 21 Nov 2022 10:02 AM (IST)
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Himachal Election: 2017 में मंडी जिला में कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो गया था।

मंडी, हंसराज सैनी। Himachal Pradesh Assembly Election 2022, हिमाचल प्रदेश में किसकी सरकार बनेगी, रिवाज बदलेगा या परंपरा कायम रहेगी, हिमाचल में अब यही चर्चा हो रही है। प्रदेश की जनता के साथ दोनों प्रमुख दलों भाजपा-कांग्रेस के नेता व कार्यकर्ता भी जमा-घटाव में लगे हैं। इतिहास पर नजर दौड़ाई जाए तो मंडी जिसके साथ चली है यानी मंडी जिले में जिस दल की ज्यादा सीटें आई प्रदेश में उसकी सरकार बनी है। मंडी जिले की जनता भी हर पांच साल बाद सरकार बदलने की परंपरा निभाती आई है। मंडी को पहली बार मुख्यमंत्री की कुर्सी मिली है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का यह गृह जिला है। ऐसे में भाजपा यहां से इस बार भी बड़ी उम्मीद लगाए बैठी है। कांग्रेस भी सात से आठ सीटें मिलने का दावा जता रही है।

1977 में जनता पार्टी को मिली थी 10 में से 8 सीटें

1977 में प्रदेश में जनता पार्टी की सरकार बनी थी। जनता पार्टी को 10 में से आठ सीटें मिली थी। कांग्रेस दो सीटों पर सिमट गई थी। 1982 में कांग्रेस की सरकार बनी थी। भाजपा को मात्र दो सीटें मिली थी। कांग्रेस को पांच व तीन सीटों पर निर्दलीय विजयी रहे थे। 1985 के चुनाव में कांग्रेस को सात, भाजपा को दो व एक सीट पर निर्दलीय विजयी रहा था। सरकार कांग्रेस की बनी थी। 1990 के चुनाव में भाजपा व जनता दल गठबंधन को आठ सीटें मिली थी। एक सीट निर्दलीय की झोली में आई थी। कांग्रेस को मात्र एक सीट मिली थी। प्रदेश में शांता कुमार के नेतृत्व में भाजपा की सरकार बनी थी। 1993 में कांग्रेस ने यहां इतिहास रचा था। ठाकुर कर्म सिंह के बाद पंडित सुखराम ने मुख्यमंत्री का नारा दिया था। नारे का असर यह रहा था कि भाजपा का सूपड़ा साफ हो गया था। नौ सीटों पर कांग्रेस व एक सीट पर कांग्रेस का असंतुष्ट विजयी हुआ था।

1998 में पंडित सुखराम ने बनाई थी हिविकां

1998 में पंडित सुखराम ने कांग्रेस से किनारा कर हिमाचल विकास कांग्रेस (हिविकां) बनाई थी। हिविकां को चार, भाजपा को दो व कांग्रेस को चार सीटें मिली थी। प्रदेश में भाजपा हिविकां गठबंधन की सरकार बनी थी। 2003 के चुनाव में कांग्रेस ने छह सीटें जीती थी। भाजपा को दो, हिविकां व हिम लोकतांत्रिक मोर्चा को एक एक सीट मिली थी। कांग्रेस सत्ता में आई थी। 2007 में भाजपा को छह, कांग्रेस को तीन व निर्दलीय को एक सीट मिली थी। भाजपा की सरकार बनी थी। 2012 में दोनों दल बराबरी पर रहे थे। कांग्रेस सत्ता में आई थी। 24 साल बाद भाजपा ने कांग्रेस से 1993 की हार का बदला चुकता किया था। 2017 में जनादेश ठीक 1993 जैसा था। नौ सीटों पर भाजपा व एक पर निर्दलीय विजयी रहा था। सरकार भाजपा की बनी थी और मंडी को पहली बार मुख्यमंत्री मिला था।

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