मांस खाना हिमाचल त्रासदी की वजह? IIT डायरेक्टर प्रो. लक्ष्मीधर के बयान से क्यों मचा बवाल; देखिए पूरा वीडियो
Meat Eating Responsible for Himachal Disaster आईआईटी मंडी के निदेशक बोले हिमाचल में बादल फटने व भूस्खलन के पीछे मांसाहार असली वजह है। उन्होंने चेताया अगर लोगों ने मांसाहारी भोजन का सेवन करना बंद नहीं किया तो हिमाचल का पतन तय है। उन्होंने पशु क्रूरता पर भी सवाल उठाए हैं। वहीं उन्होंने विद्यार्थियों को दिलाई मांसाहार का सेवन न करने की शपथ दिलाई है।
मंडी, जागरण संवाददाता। Meat Eating Responsible for Himachal Disaster: हिमाचल प्रदेश में इस साल हुई मानसून की बारिश (Heavy Rain in Himachal) ने कहर बरपाया है। भारी बारिश और बाढ़ के कारण सैंकड़ों लोगों की मौत हो गई तो कई घर जमीदोंज हो गए।
बार-बार भूस्खलन (Landslide) होने से सैंकड़ों सड़कें क्षतिग्रस्त हो गई है। प्रदेश करोड़ों का नुकसान झेल रहा है। इसी बीच आईआईटी मंडी (IIT Mandi) के निदेशक का अजीबो-गरीब बयान सामने आया है। उन्होंने हिमाचल में आई प्राकृतिक आपदा (Natural Disaster) के लिए मांसाहार (Non-vegetarian) को वजह बताया है।
निदेशक प्रो. लक्ष्मीधर बेहरा का अजीबो-गरीब बयान
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मंडी में जान पहचान के बहाने जूनियरों से रैगिंग का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ था कि संस्थान के निदेशक प्रो. लक्ष्मीधर बेहरा (Director Prof. Laxmidhar Behera) ने मांसाहार को देवभूमि हिमाचल में आई आपदा का कारण बताकर नए विवाद को जन्म दे दिया है। उनका यह वीडियो इंटरनेट मीडिया पर तेजी से वायरल (Viral Video) हो रहा है। उनके बयान पर लोगों की तरह तरह की प्रतिक्रिया सामने आ रही हैं।
पहले भी विवादों में रहे हैं निदेशक
प्रो. लक्ष्मीधर बेहरा आईआईटी कानपुर (IIT Kanpur) में रहते हुए भी भूत होने के दावे को लेकर विवादों में रहे थे। वीरवार को इंटरनेट मीडिया पर उनका एक वीडियो अपलोड हुआ है। इसमें वह आईआईटी के सभागार में विद्यार्थियों को संबोधित कर रहे हैं। कार्यक्रम कब हुआ इसकी तिथि वह समय की सही जानकारी नहीं दी गई है।
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मासांहार खाने से हिमाचल में आई प्राकृतिक आपदा
बेहरा का कहना है कि हिमाचल के लोग जानवरों को मारकर मांस (Meat Eating) खाते और इसी कारण यहां पर प्राकृतिक त्रासदी (Natural Disaster) आई है। अपने संबोधन में वह विद्यार्थियों को नेक इंसान बनने की सलाह देते हैं और उन्हें मांसाहार न करने की शपथ दिलाते हैं। वह खुद मंच से विद्यार्थियों से पूछते हैं कि वह मांसाहार करेंगे या नहीं। एक प्रश्न एक नहीं अनेक बार पूछा गया। इसका जवाब हां व न में देने को कहा गया।
मांसाहार व विज्ञान में उलझे निदेशक महोदयCan anyone from IIT mandi confirm authenticity of this ..where was it and when https://t.co/lpv1dQocSF— Hans Raj (@Hansraj047) September 7, 2023
मांसाहार खाने से हिमाचल का पतन तय
सभागार में उपस्थित अधिकतर विद्यार्थियों ने मांसाहार न करने से मना किया तो उसके बाद वह हिमाचल में पिछले दिनों आई आपदा के कारणों पर पहुंच गए। निदेशक ने कहा कि यहां के अधिकतर लोग मांसाहारी हैं इसकी वजह से प्राकृतिक आपदा बार बार कहर बरपा रही है। यदि वे यहीं नहीं रुके तो मांसाहार खाने से हिमाचल का पतन तय है। उन्होंने पशु क्रूरता पर भी सवाल उठाए।