आईआईटी मंडी (IIT Mandi) के स्कूल ऑफ फिजिकल साइंस के शोधार्थियों ने एसोसिएट प्रो. अजय सोनी के सानिध्य में एक थर्मोइलेक्ट्रिक मॉड्यूल (Thermoelectric Module) विकसित किया है। इसके बाद कम बिजली खपत वाले उपकरणों को थर्मोइलेक्ट्रिक मॉड्यूल यानी शरीर के ताप से चार्ज किया जा सकेगा। इसके बाद घर से बाहर जाने पर चार्जर व पावर बैंक साथ रखने के झंझट से छुटकारा मिलेगा।
हंसराज सैनी, मंडी। अगर आप कहीं घूमने जा रहे हैं या रोज कार्यालय जाते हैं तो आपको अब मोबाइल फोन, ईयरफोन, लैपटॉप, पेडोमीटर, एयरपॉड्स इत्यादि उपकरणों को चार्ज करने की चिंता नहीं रहेगी। न ही आपको इनके चार्जर या पॉवर बैंक को साथ रखने की आवश्यकता होगी। इस तरह के कम बिजली खपत वाले इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरण आपके शरीर के ताप (ऊर्जा) से ही चार्ज हो सकेंगे।
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मंडी के स्कूल ऑफ फिजिकल साइंस के शोधार्थियों ने एसोसिएट प्रो. अजय सोनी की अगुआई में थर्मोइलेक्ट्रिक मॉड्यूल विकसित किया है। मानव स्पर्श से ही यह उपकरण चार्ज होना शुरू हो जाएगा। उससे फिर किसी भी इलेक्ट्रॉनिक्स गैजेट की बैटरी को चार्ज किया जा सकता है।
आईआईटी मंडी के शोधार्थियों द्वारा मनुष्य के शरीर की ऊर्जा से विकसित तकनीक।
थर्मोइलेक्ट्रिक मॉड्यूल से कर सकेंगे चार्ज
यह शोध जर्मन केमिकल सोसायटी के जर्नल एंजवेंटे केमी (एप्लाइड केमिस्ट्री) में प्रकाशित हुआ है। थर्मोइलेक्ट्रिक मॉड्यूल की कीमत 200 से 500 रुपये के बीच होगी। मनुष्य को इसे मात्र अपनी कलाई पर घड़ी के पट्टे की तरह पहनना होगा। बड़ी बात यह है कि उपकरण को चार्ज होने के लिए मनुष्य के शरीर की ऊर्जा के अलावा अन्य किसी साधन की जरूरत नहीं पड़ेगी। थर्मोइलेक्ट्रिक मॉड्यूल से इलेक्ट्रॉनिक्स गैजेट को चार्ज करने के लिए किसी प्रकार की तार की आवश्यकता नहीं होगी। गैजेट में एक छोटा सा उपकरण लगेगा। गैजेट हाथ में पकड़ने, गोद व जेब में रखने पर थर्मोइलेक्ट्रिक मॉड्यूल से चार्ज किए जा सकेंगे।
सिल्वर टेल्यूराइड नैनो वायर से बनाया मॉड्यूल
आईआईटी मंडी के शोधार्थियों ने सिल्वर टेल्यूराइड नैनोवायर से थर्मोइलेक्ट्रिक मॉड्यूल तैयार किया है। पॉलीविनाइलिडीन फ्लोराइड झिल्ली पर सिल्वर टेल्यूराइड नैनोवायर युक्त लचीला थर्मोइलेक्ट्रिक उपकरण मानव स्पर्श पर एक महत्वपूर्ण आउटपुट वोल्टेज देना शुरू करता है। पॉलीविनाइलिडीन फ्लोराइड झिल्ली का प्रयोग थर्मल स्थिरता, रासायनिक प्रतिरोध और उत्कृष्ट यांत्रिक शक्ति में होता है।
ये भी पढ़ें: Chamba News: पांगी घाटी के 30 अंदरूनी मार्ग अभी भी बंद, विभाग ने नहीं खोली वित्तीय बिड; लोगों को हो रहीं दिक्कतें
कम बिजली खपत वाले उपकरण हो सकेंगे चार्ज
सिल्वर टेल्यूराइड नैनोवायर मनुष्य के शरीर से निकलने वाली ऊर्जा यानी गर्मी को बिजली में परिवर्तित करने का काम करेगा। इस तकनीक से बिजली की बचत भी होगी। लोगों को पावर बैंक खरीदने के लिए पैसे खर्च नहीं करने पड़ेंगे। न ही चार्जर व पावर बैंक का बोझ उठाना पड़ेगा। इलेक्ट्रॉनिक्स गैजेट की बैटरी समाप्त होने के भय से भी मुक्ति मिलेगी।
आईआईटी मंडी के एसोसिएट प्रोफेयर अजय सोनी।स्कूल ऑफ फिजिकल साइंस आईआईटी मंडी के एसोसिएट प्रोफेसर अजय सोनी ने कहा कि कम बिजली खपत वाले लचीले इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरणों को चार्ज करना अब समस्या नहीं रहेगा। यह उपकरण मनुष्य के शरीर की ऊर्जा से चार्ज होंगे। इसके लिए थर्मोइलेक्ट्रिक मॉड्यूल विकसित किया है।
ये भी पढ़ें: HPSSC Paper Leak Case: न्यायिक हिरासत में भेजी गई मुख्य आरोपी उमा आजाद, 13 फरवरी को पेश किए जाएंगे दो और आरोपी
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।